इस वक्त पूरा उत्तर भारत ठंड की चपेट में है. कई राज्यों में घने कोहरे का सबब बना हुआ है. आलम यह है कि सड़कों पर गाड़ियां रेंग रही हैं. यमुना एक्सप्रेसवे के साथ-साथ कई जगहों पर सड़क दुर्घटनाओं की खबरें सामने आई है ,वहीं ठंड के चलते उत्तर भारत में बुधवार को कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई. घने कोहरे के कारण गंगा के मैदानी इलाकों के शहर, कस्बे और गांवों में विजिबिलिटी लगभग शून्य हो गई, जिससे राजमार्गों पर भीड़ लग गई, ट्रेनें रुक गईं और फ्लाइटों को भी रिशेड्यूल करना पड़ गया.
वहीं विशेषज्ञों ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोहरे का अब तक का सबसे खराब दौर दर्ज किया गया है. मंगलवार रात से दृश्यता कम होनी शुरू हो गई है और पालम वेधशाला में बुधवार सुबह 8 से 10 बजे के बीच दृश्यता शून्य हो गई है,बुधवार को, कोहरा पूरी तरह से नहीं हटा और हाई विजिबिलिटी 800 मीटर दर्ज की गई , बुधवार रात 10 बजे तक घना कोहरा छाने से दृश्यता फिर से घटकर 50 मीटर रह गई. बता दें कि मौसम विभाग ने दिल्ली-एनसीआर में कोहरे को लेकर चार दिन का अलर्ट जारी किया गया है. दो दिन ऑरेंज अलर्ट और दो दिन येलो अलर्ट जारी है. पंजाब-हरियाणा में भी घने कोहरे का सबब बना हुआ है.
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उत्तर प्रदेश के यमुना एक्सप्रेसवे पर बुधवार को गाड़ियां आपस में टकरा गईं. वहीं राजस्थान के भरतपुर में ट्रक के साथ एक वाहन की भिड़ंत हो गई और दो लोगों की मौत हो गई. दिल्ली आ रही चार फ्लाइट को जयपुर के लिए डायवर्ट कर दिया गया. वहीं 100 से ज्यादा फ्लाइट भी देरी होने के बाद वहां पहुंचीं. इसके अलावा 25 ट्रेनें भी देर से पहुंचीं. पंजाब में 33 ट्रेनें देर से थीं. तरनतारन जिले में 20 लोग एक हादसे में घायल हो गए थे. इसके अलावा हरियाणा में 7 गाड़ियां आपस में टकरा गईं.