नई दिल्ली/चंडीगढ़, 08 नवंबर
Minister Harbhajan Singh केंद्र सरकार द्वारा बिजली पर पानी सैस वसूलने को ग़ैर-कानूनी घोषित करने के बावजूद कुछ राज्यों द्वारा यह सैस वसूले जाने का मुद्दा ज़ोरदार ढंग से उठाते हुये पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने कहा कि कुछ राज्यों की तरफ से यह निराधार सैस वसूले जाने से पंजाब जैसे राज्यों को महँगी बिजली खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
आज प्रगति मैदान, नई दिल्ली में हुई दो दिवसीय बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों की कान्फ़्रेंस के आखिरी दिन बोलते हुये पंजाब के बिजली मंत्री ने कहा कि चाहे केंद्र सरकार ने राज्यों को कई बार सूचित किया है कि पानी सैस लगाना ग़ैर-कानूनी है परन्तु इसके बावजूद हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्कम और जम्मू और कश्मीर द्वारा यह कर वसूला जा रहा है जिस कारण पंजाब और अन्य राज्यों को बिजली खरीदते समय ज़्यादा और ग़ैर-वाजिब रेट अदा करने पड़ते हैं।
उन्होंने केंद्र सरकार से माँग की कि इन राज्यों की तरफ से उठाए जा रहे ऐसे ग़ैर-कानूनी कदमों को रोका जाये जिससे बिजली खरीदने वाले राज्यों को राहत मिल सके।
पंजाब कैबिनेट मंत्री की तरफ से उठाए इस मुद्दे का समर्थन करते हुये केंद्रीय बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह ने कहा कि उनके मंत्रालय द्वारा पहले ही राज्यों को यह स्पष्ट किया जा चुका है कि वाटर सैस वसूलना पूरी तरह ग़ैर-कानूनी है और उनका मंत्रालय इसके रोके जाने को यकीनी बनाऐगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस वाटर सैस के मुद्दे के कानूनी हल में केंद्रीय बिजली मंत्रालय ख़रीदार राज्यों का समर्थन करेगा।
पंजाब के बिजली मंत्री द्वारा उठाए इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री के सकारात्मक रवैये का धन्यवाद किया गया।
पंजाब के कैबिनेट मंत्री द्वारा इस मौके पर भारत के मुख्य डैमों की ढलानों पर छोटे जल भंडारों (Reservoirs) का निर्माण करने का भी सुझाव दिया जिससे सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाने के साथ साथ पूरी क्षमता में बिजली पैदावार को संभव बनाया जा सके। Minister Harbhajan Singh
इस मौके पर पी. एस. पी. सी. एल के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह और सी. एम. डी. बलदेव सिंह सरां भी उपस्थित थे। Minister Harbhajan Singh