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भाजपा इतनी पंजाब विरोधी है कि इनका बस चले तो राष्ट्रीय गीत में से पंजाब का नाम ही हटा दें: मुख्यमंत्री

VIDHAN SABHA SESSION

चंडीगढ़, 28 नवंबर:  

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने पंजाब के साथ सौतेली माँ वाला सुलूक करने के लिए केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की है।  

पंजाब विधान सभा में बहस में शामिल होते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कितनी अचंभे वाली बात है कि पंजाब ने देश के अनाज उत्पादन में अहम योगदान देने के अलावा भारतीय फ़ौज में सबसे अधिक प्रतिनिधित्व किया है, परन्तु इसके बावजूद केंद्र सरकार ने हमेशा राज्य को अनदेखा किया है। उन्होंने कहा कि पंजाब को सभी शर्तें पूरी करने के बावजूद आर.डी.एफ. का बनता हिस्सा नहीं मिल रहा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि चाहे जी.एस.टी. राज्य एकत्रित करते हैं परन्तु अपना बनता हिस्सा लेने के लिए केंद्र सरकार के आगे हाथ फैलाने पड़ते हैं।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी सरकार पंजाब विरोधी भावना की शिकार है, जिस कारण वह राज्य को बर्बाद करने पर तुली हुई है। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा के नेतृत्व वाली एन.डी.ए. सरकार की मजऱ्ी चले तो वह राष्ट्रीय गीत में से भी पंजाब का नाम काट देगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह कितनी अजीब बात है कि पंजाब के साथ सौतेली माँ वाले सुलूक करने के बावजूद भाजपा के प्रांतीय प्रधान और पूर्व मुख्यमंत्री इस समूचे मसले पर चुप्पी साधे हुए हैं।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्होंने ही नहीं केंद्र सरकार ने राज्य और इसके किसानों के प्रति भी विरोधी रवैया इख्तियार किया हुआ है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इस विरोधी रवैये के कारण कृषि अब लाभप्रद व्यवसाय नहीं रहा, और केंद्र सरकार अब अनाजों पर एम.एस.पी. खत्म करने की कोशिश कर रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी में पर्यावरण प्रदूषण की समूची जि़म्मेदारी पंजाब के किसानों सिर फैंक कर इसको पराली जलाने के कारण हुआ प्रदूषण बता रही है।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा द्वारा पंजाब के साथ ऐसा सुलूक किया जा रहा है, जैसे पंजाब इस देश का ही हिस्सा नहीं है, और देश निर्माण में पंजाबियों के महान बलिदान को भी नजरअन्दाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकारों को बिल्कुल अनदेखा किया जा रहा है और विरोधी सरकारों वाले राज्यों ख़ास तौर पर पंजाब की बाज़ू मरोडऩे के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। भगवंत सिंह मान ने पंजाबियों से अपील की कि केंद्र सरकार से किसी तरह की उम्मीद रखना बंद करें और पंजाब की समृद्ध विरासत, वित्त और परम्परा को बचाने के लिए आगे आएं और रंगला पंजाब बनाने के लम्बे रास्ते के राहगीर बनें। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि जो जी.एस.टी. बिल आज सदन में पेश किया गया है, वह उत्पादक राज्य को टैक्स लाभ मिलना सुनिश्चित बनाएगा, जिससे राज्य अपने संसाधनों का प्रयोग वस्तु निर्माण के लिए कर सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वैट के डिफॉल्टरों के लिए एकमुश्त निपटारा योजना (ओ.टी.एस.) की भी शुरुआत की, जिसका राज्य भर के 65 हज़ार से अधिक व्यापारियों को लाभ मिला। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस योजना को आम जनता द्वारा भरपूर स्वीकृति मिली और इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार को अब तक 1800 अजिऱ्याँ मिलीं।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार फज़ऱ्ी बिलिंग को रोकने के लिए जी.एस.टी. कलैक्शन में आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस ला रही है। उन्होंने कहा कि राजस्व, स्वास्थ्य, कृषि, लोक निर्माण विभाग और अन्य विभागों में आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग किया जा रहा है। इस तकनीक के लाभों का हवाला देते हुए भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसके प्रयोग से सडक़ों की मरम्मत के अनुमान लगाते हुए 163.26 करोड़ रुपए की बचत हुई और 540 किलोमीटर ऐसी सडक़ों का भी पता चला, जो होंद में ही नहीं हैं।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों से टैक्स के रूप में एकत्रित पैसों का प्रयोग राज्य सरकार द्वारा लोगों की भलाई पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों का पैसा, उनको मुफ़्त बिजली, आम आदमी क्लीनिकों में मुफ़्त दवाएँ, मुफ़्त शिक्षा और अन्य सुविधाओं पर खर्चा जा रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार के पास फंडों की कोई कमी नहीं है और खजाने का एक-एक पैसा आम लोगों की भलाई पर खर्चा जायेगा।  

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मुख्यमंत्री ने कहा कि विधान सभा सैशनों संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले ने देश की राजनीति में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि इस फ़ैसले ने ऐसे मामलों से निपटने के बारे में समूचे देश के लिए एक मिसाल कायम की है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह जीत या हार का मसला नहीं, बल्कि पंजाब सरकार ने लोगों के हित और लोकतंत्र के लिए यह लड़ाई लड़ी।  

 मुख्यमंत्री ने विधान सभा सैशनों की मंज़ूरी देने और अपने पत्रों का तुरंत जवाब देने के लिए राज्यपाल का धन्यवाद किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्यपाल जल्द ही बकाया बिलों के साथ-साथ नये बिलों को भी मंज़ूरी देंगे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार और राज्यपाल के बीच किसी भी मसले पर कोई मतभेद नहीं है।

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