Parliament Security Breach
13 दिसंबर को संसद में घुसपैठ करने वाले दो आरोपियों और उनके दो सहयोगियों को गुरुवार को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। उधर सुरक्षा में चूक के चलते संसद सचिवालय ने गुरुवार को 8 सुरक्षाकर्मियों को सस्पेंड कर दिया। इनके नाम रामपाल, अरविंद, वीर दास, गणेश, अनिल, प्रदीप, विमित और नरेंद्र हैं।
घटना के बाद पार्लियामेंट के अंदर और बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई। गुरुवार को संसद के अंदर जाने वालों की जूते उतरवाकर चेकिंग की गई।इस बीच मेघालय के CM कॉनराड संगमा को मकर द्वार से बिल्डिंग के अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। जिसके बाद संगमा अपनी कार से उतरे और शार्दुल द्वार से होते हुए संसद के अंदर गए।
उधर PM मोदी संसद पहुंचे और उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक की। मीटिंग में गृह मंत्री अमित शाह, BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और अनुराग ठाकुर मौजूद रहे।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपियों ने पहले ही संसद के बाहर की रेकी कर ली थी। सभी आरोपी एक सोशल मीडिया पेज ‘भगत सिंह फैन क्लब’ से जुड़े थे। लगभग डेढ़ साल पहले सभी आरोपी मैसूर में मिले थे।
आरोपी सागर जुलाई में लखनऊ से दिल्ली आया था लेकिन संसद भवन में इंट्री नहीं कर सका था। 10 दिसंबर को एक-एक करके सभी अपने-अपने राज्यों से दिल्ली पहुंचे।
घटना वाले दिन सभी आरोपी इंडिया गेट के पास इकट्ठा हुए, जहां सभी को कलर स्प्रे बांटा गया। पुलिस ने बताया, शुरुआती जांच के अनुसार संसद सुरक्षा उल्लंघन का मुख्य साजिशकर्ता कोई और है।
दिल्ली पुलिस ने UAPA के तहत केस दर्ज किया
उधर, दिल्ली पुलिस ने एंटी टेरर और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत केस दर्ज कर लिया। लोकसभा सचिवालय के अनुरोध पर, गृह मंत्रालय ने इस घटना की जांच का आदेश दिया है। CRPF के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह के नेतृत्व में एक जांच कमेटी बनाई गई है। इसमें अन्य सुरक्षा एजेंसियों और एक्सपर्ट शामिल हैं।
पुलिस ने बताया कि कुल छह आरोपी हैं। दो अंदर घुसे थे, जबकि दो बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। पूछताछ में दो लोगों का और नाम सामने आया। फिलहाल पांच गिरफ्त में है और एक फरार है।
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आतंकी पन्नू ने आरोपियों को 10 लाख देने का ऐलान किया
संसद में घुसपैठ मामले के चारों आरोपियों को खालिस्तानी आतंकी समूह सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के गुरपतवंत सिंह पन्नू ने लीगल एड देने की पेशकश की है। उसने इस मामले में संदेश जारी करते हुए कहा- वह आरोपियों को 10 लाख की कानूनी सहायता देगा। हालांकि, पूरे प्रकरण में उसकी संलिप्तता है, इस पर पन्नू ने कोई टिप्पणी नहीं की है।
5 जरूरी कदम, जो अब उठाए…
नई संसद में घुसपैठ के बाद अब सिक्योरिटी प्रोटोकॉल्स में कई बदलाव किए जा रहे…
1. सांसदों, स्टाफ मेंबर्स और पत्रकारों के एंट्री गेट अलग होंगे। विजिटर्स को चौथे गेट से प्रवेश कराया जाएगा।
2. विजिटर पास जारी करने पर अभी रोक लगा दी गई है।
3. दर्शकदीर्घा के चारों ओर ग्लास की शील्ड लगाई जाएगी, ताकि कोई कूदकर सदन के अंदर न आ सके।
4. एयरपोर्ट की तरह बॉडी स्कैन मशीनें लगाई जाएंगी।
5. सुरक्षाकर्मियों की संख्या में भी बढ़ोतरी की जाएगी।
संसद के सुरक्षा गैजेट्स 19 साल पुराने, नई भर्ती भी नहीं
संसदीय सुरक्षा से जुड़े एक शीर्ष अधिकारी ने भास्कर को बताया कि स्मोक कैन अंदर कैसे पहुंचा, यह सबसे हैरानी की बात है। अगर यह जूते या मोजे में छिपा था तो DFMD (डोरफ्रेम मेटल डिटेक्टर) में जरूर पकड़ा जाना चाहिए था। हालांकि, एक वजह यह भी संभव है कि 2004 के बाद से संसद के सुरक्षा गैजेट नहीं खरीदे गए, यानी ये 19 साल पुराने हैं।
एक अन्य संसदीय सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि उनके स्टाफ में 10 साल से नई भर्ती नहीं हुई है। करीब 150 सुरक्षाकर्मियों के पद खाली पड़े हैं। नई संसद में फेशियल रीडिंग के उपकरण ही नए हैं। बाकी मैनुअल चेकिंग बहुत कम हो गई है। पुरानी संसद में उस पर ज्यादा जोर था।
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