SGPC Chief Advocate Harjinder Singh Dhami
गृह मंत्री अमित शाह की ओर से सांसद में बलवंत सिंह राजोआना के संबंध में दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए एसजीपीसी के प्रधान ने जवाब दिया हैं। उनका कहना है कि सरकार अपने ही 2019 में दिए हुए नोटिफिकेशन से पलट रही हैं।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि सिखों को पहले ही महसूस होता है कि उन्हें देश में सम्मान नहीं दिया जाता। देश की जेलों में तीन दशकों से बंद सिखों के मानवाधिकारों को किसी को भी ऐसे नजर अंदाज नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बंदी सिखों की रिहाई की मांग संविधान के दायरे में ही है। सरकार खुद ही श्री गुरु नानक देव जी के 550वे प्रकाश पर्व पर इसके लिए नोटिफिकेशन दे चुकी है। सरकार को चाहिए कि उस नोटिफिकेशन को लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि अमित शाह का बयान अपने ही नोटिफिकेशन के बिल्कुल उलट है और हैरान करने वाला है।
एसजीपीसी के प्रधान ने बताया कि बंदी सिखों की रिहाई का मामला बैठकर विचार करने वाला है। इसके लिए श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से गठित की गई पांच मेंबरी कमेटी ने देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए समय मांगा है। उन्होंने अपील की कि बंदी सिखों के मामले पर संजीदगी से विचार किया जाए। उन्होंने कहा के सिखों की कुर्बानियों के चलते ही संसद कायम है और आज़ादी की लड़ाई में 90 फीसदी सिखों की कुर्बानियों को सरकार को नहीं भूलना चाहिए।
SGPC Chief Advocate Harjinder Singh Dhami