Gurugram Fake Call Center
दिल्ली से सटे साइबर सिटी गुरुग्राम की साइबर अपराध शाखा ने एक ऐसे फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है, जिसमें विदेशी लोगों से ठगी की जाती थी. गुरुग्राम पुलिस (Gurugram Police) ने फर्जी कॉल सेंटर के संचालक सहित 12 लोगों को गिरफ्तार किया है. गुरुग्राम के साइबर क्राइम एसीपी विपिन अहलावत ने बताया कि साइबर अपराध शाखा को एक गुप्त सूचना मिली की डीएलएफ फेज 3 के एक मकान में फर्जी तरीके से एक कॉल सेंटर चलाया जा रहा है, जिसमें यूएसए में बैठे विदेशी लोगों से ठगी की जा रही है.
एसीपी विपिन अहलावत ने बताया कि साइबर अपराध शाखा ने पुलिस टीम का गठन किया और गुरुग्राम के डीएलएफ फेज 3 के मकान नंबर- S 37/19 में रेड मारी गई. साइबर अपराध शाखा ने कॉल सेंटर चला रहे संचालक सहित 12 लोगों को गिरफ्तार कर लिया और उनके कब्जे से 09 डैक्सटॉप कंप्यूटर, 02 लैपटॉप, 01 मोबाईल फोन व 01 मॉडम भी बरामद किया. पकड़े गए आरोपियों को जिला अदालत में पेश किया जाएगा इसके बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी.
विदेशी मूल के लोगों से होती थी ठगी
एसीपी साइबर अपराध विपिन अहलावत ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर यह रेड मारी गई थी, जिसमें यह बताया गया कि यूएसए के नागरिकों को तकनीकी सहायता या कस्टमर केयर सर्विस देने के नाम पर ये लोग ठगी करने का काम करते थे. लेकिन, साइबर अपराध शाखा को सूचना मिलने के बाद इस फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ कर दिया गया. इसमें संचालक सहित 12 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
कस्टमर केयर सर्विस के नाम पर की जा रही थी ठगी
विपिन अहलावत ने बताया कि जब पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर पर रेड मारी तो पाया गया कि यह लोग विदेशी मूल के लोगों से तकनीकी सहायता देने के नाम पर ठगी कर रहे हैं. पुलिस ने संचालक सहित 12 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इनकी पहचान अनंत राज वर्मा (संचालक) निवासी राजाजी पुरम, (उत्तरप्रदेश), रजत मिश्रा निवासी उत्तरप्रदेश हाल पता गांव नाथूपुर गुरुग्राम, संकल्प (मैनेजर) निवासी उत्तर-प्रदेश हाल पता गांव नाथूपुर गुरुग्राम, मयंक निवासी जिला नूंह, विशाल निवासी मध्यप्रदेश हाल पता पालम विहार (गुरुग्राम), रवि शंकर निवासी मारुती कुंज भोंडसी (गुरुग्राम), शिवम निवासी मध्य-प्रदेश हाल पता डीएलएफ फेज -3 (गुरुग्राम), पुष्पेंद्र चौहान निवासी जिला नूंह, विकास प्रकाश निवासी केरल हाल पता महावीर कैंपस छतरपुर (दक्षिण दिल्ली), विवेक सिंह निवासी उत्तरप्रदेश हाल पता गांव नाथूपर गुरुग्राम, पुष्पेंद्र सिंह निवासी गांव नाथूपर गुरुग्राम व अजय सिंह निवासी लुधियाना (पंजाब) हाल पता डीएलएफ फेज-3 गुरुग्राम के रुप मे हुई है.
कई धाराओं के तहत मामला दर्ज
एसीपी ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 120B IPC व 66, 66D, 75 IT Act. के तहत थाना साइबर अपराध शाखा में मामला दर्ज कर लिया गया है. पकड़े गए आरोपियों से पुलिस पूछताछ में पता चला है कि आरोपी अनंत राज वर्मा कॉल सेंटर का संचालक है. संकल्प और रजत मिश्रा इसके कॉल सेंटर के मैनेजर हैं. इसके अलावा बाकी कमीशन एजेंट के तौर पर काम कर रहे थे. ये लोग विदेशी मूल के लोगों से कस्टमर केयर सर्विस देने के नाम पर की गई ठगी में कमीशन लेते थे, जो आरोपी ठगी करने का काम करता था उसको 15 प्रतिशत कमीशन मिलता था. बाकियों को 10-10 परसेंट कमीशन दिया जाता था.
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2021 से चला रहा था यह कॉल सेंटर
साइबर अपराध शाखा के एसीपी विपिन अहलावत ने बताया कि पकड़े गए फर्जी कॉल सेंटर के संचालक से जब पूछताछ की गई तो उसने बताया कि साल 2021 से वो अपने साथियों के साथ मिलकर यह काम कर रहा है. इसके अलावा आरोपी नेन्येह भी बताया कि वह यूएसए के नागरिकों को एप्पल, माइक्रोसाफ्ट, अमेजन और अन्य कंपनियों की कस्टमर केयर सर्विस प्रदान देने के लिए इसने वर्चुवल Virtual TFN No. लिए हुए है, जिन नम्बरों पर यह कॉल लैंड करवाता है और आई-बीम डायलर के माध्यम से आने वाली कॉल को ये सुनते हैं, जिस ग्राहक को एप्पल, माइक्रोसाफ्ट, अमेजन आदि से कोई असुविधा होती है तो इनके TFN No. पर वर्चुअल कॉल करते है, ये कॉलर से उनकी शिकायत पूछते हैं.
कंपनी का प्रतिनिधि बनकर करते थे बात
कस्टमर जिस कंपनी के बारे में कोई समस्या बताता है तो ये खुद को उस कंपनी का प्रतिनिधि बताकर पहले उन्हें अपने विश्वास में लेते और उसकी समस्या दूर करने के लिए एनीडेस्क, टीम व्यूअर, अल्ट्रा व्यूअर और अन्य एप्लिकेशन के माध्यम से उसके सिस्टम का रिमोट एक्सेस प्राप्त कर लेते और उन्हें वास्तविक बात न बताकर उनसे अन्य समस्याओं के बारे में बात करते हैं और उन्हें उनकी निजी जानकारी का रिस्क, हैकर की ओर से अकाउंट हैक करना, डिवाइस असुरक्षित, फाइनेंसियल इनफार्मेशन लीक और चाईल्ड पोर्नोग्राफी इत्यादि के बारे में बताते हैं, फिर उस समस्या को दूर करने के नाम पर कॉलर से 500-1000 डॉलर को ऑनलाइन गिफ्ट कार्ड जैसे गूगल-पे अमेज़न आदि के माध्यम से ट्रांसफर करवा लेते थे. इसके बाद ब्लॉकर के माध्यम से कैश करवाकर अपना हिस्सा प्राप्त कर लेते थे