High Court on Rape Case
कर्नाटक में नाबालिग के साथ रेप के मामले में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है। कोर्ट ने इस ममले को रद्द कर दिया। हालांकि साथ ही इस मामले में आरोपी बनाए गए युवक के द्वारा लड़की के साथ शादी कर लेने की शर्त भी रखी गई है। हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि इस जोड़े को एक महीने के भीतर शादी करके अपने रिश्ते को रजिस्टर भी कराना होगा।
जस्टिस चंदन गौदर की सिंगल पीठ ने की सुनवाई
मामला इसी साल के शुरुआती महीनों का है। मिली जानकारी के अनुसार एक युवक की नाबालिग लड़की के साथ दोस्ती हो गई। धीरे-धीरे दोनों इतने करीब आ गए कि दोनों में शारीरिक संबंध स्थापित हो गए। इसके बाद न जाने कैसे दोनों में अनबन हुई और लड़की ने अपने परिवार वालों के साथ मिलकर अपने साथी के खिलाफ बलात्कार का केस दर्ज करा दिया। इस मामले में एडवाकेट अभय आर एस के जरिये कनार्टक हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई। इस याचिका पर जस्टिस चंदन गौदर की सिंगल पीठ ने सुनवाई की।
इस मामले में बचाव पक्ष के वकीलों एचसीजीपी थेजेश पी और एडवोकेट बसव प्रसाद कुणाले के माध्यम से आरोपी की तरफ से बताया गया कि उन दोनों के बीच संबंध आपसी सहमति के साथ बने थे। हालांकि उस वक्त वह नाबालिग थी। अब वह बालिग हो चुकी है और दोनों आपस में शादी करना चाहते हैं। वहीं एक और रोचक पहलू यह भी बताया जा रहा है कि याचिकाकर्ता लड़की अपने आरोप के समर्थन में दिए हलफनामे में उल्लेख किया था कि दोनों में संबंध सहमति से बने थे। इतना ही नहीं, केस के दौरान क्रॉस एग्जामिनेशन में वह मुकर गई।
कोर्ट ने कहा-एक महीने में रजिस्टर करानी होगी शादी
आखिर तमाम पहलुओं को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट की न्यायपीठ ने इस मामले को रद्द कर दिया। आईपीसी की धारा 376(2)(एन) और पॉक्सो एक्ट 2012 की धारा 6 के तहत लड़के के खिलाफ चल रही कार्यवाही को रद्द करने के साथ कोर्ट की तरफ से फैसले में इस बात का विशेष तौर पर उल्लेख किया गया है कि इस मामले में आपराधिक कार्यवाही जारी रखने से न्याय के उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी और यह कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा। इसी के साथ कोर्ट ने आरोपी एक महीने के भीतर पीड़िता के साथ शादी करने और इसे सक्षम प्राधिकारी के समक्ष पंजीकरण कराने का निर्देश भी दिया है।
High Court on Rape Case