Srinagar Militant Attack
पंजाब के अमृतसर के 2 युवकों की श्रीनगर में आतंकियों ने टारगेट किलिंग कर दी। इनमें से एक का शव गुरुवार को पैतृक गांव चमियारी पहुंचा। यहां परिवार ने मेडिकल रिपोर्ट देने और आर्थिक मदद की मांग करते हुए संस्कार से मना कर दिया। इसके बाद प्रशासन ने परिवार से संपर्क किया और मांगें मानी।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन की तरफ से दोनों मृतकों के परिवारों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपए और पंजाब सरकार की तरफ से 2-2 लाख रुपए देने का ऐलान किया गया। इसके साथ आश्वासन दिया कि मेडिकल रिपोर्ट भी जल्द सौंप दी जाएगी। जिसके बाद परिवार अंतिम संस्कार करने के लिए राजी हुआ।
अमृतपाल सिंह (31) 4-5 सालों से श्रीनगर आ-जा रहा था। पंजाब में जहां उसे दिहाड़ी के 600 रुपए मिलते थे, वहीं श्रीनगर में वह दिन के 1500 रुपए कमाता था। 6 से 8 महीने वह श्रीनगर में रुक कर ही काम करता था और सर्दियों से पहले अमृतसर लौट आता था।
AK-47 से आतंकियों ने मारी गोलियां
वहीं, दूसरे युवक रोहित (26) का शव अभी तक घर नहीं पहुंचा है। अमृतपाल सिंह और रोहित श्रीनगर के शहीद गंज में हब्बा कदल से 7 फरवरी को शाम 7 बजे ड्राई फ्रूट की शॉप से किराए के कमरे की तरफ जा रहे थे। इसी दौरान करीब से आतंकियों ने दोनों को AK-47 राइफल से गोलियां मारीं।
अमृतपाल की मौके पर मौत, दूसरी ने अस्पताल में तोड़ा दम
अमृतपाल की तो मौके पर ही मौत हो गई। जबकि, रोहित को घायल अवस्था में श्रीनगर के महाराजा हरि सिंह अस्पताल में दाखिल करवाया। वहां अलसुबह उसने भी दम तोड़ दिया। रोहित व अमृतपाल के परिवार रात 11 बजे सूचना मिलने के बाद श्रीनगर के लिए रवाना हो गए थे।
2 दिन पहले अमृतपाल को ठेकेदार का आया था फोन
अमृतपाल सिंह की मां राजविंदर कौर ने बताया कि उनके बेटे को गुरदासपुर का एक ठेकेदार काम पर श्री नगर ले जाता था। मंगलवार सुबह ही अमृतपाल को फोन आया था और वह अपने साथ इस बार गांव के युवक रोहित को ले गया। वह ड्राई फ्रूट की शॉप पर कारपेंटर का काम कर रहे थे।
अमृतपाल के 7 भाई-बहन
अमृतपाल के पिता सुरमुख सिंह ने बताया कि उनके कुल 7 बच्चे हैं। जिनमें अमृतपाल सबसे छोटा था। अमृतपाल घर का सबसे लाडला था। पहले भी वह 3 बार श्रीनगर जाकर आ चुका था।
अमृतपाल ने रोहित को वादियों की खूबसूरत तस्वीरें दिखाई थी
वहीं रोहित के पिता प्रेम मसीह ने बताया कि अमृतपाल दिवाली से पहले ही श्रीनगर से घर लौटा था। रोहित को अमृतपाल ने अपने फोन पर वादियों की खूबसूरत तस्वीरें दिखाईं। उन्हें देख कर उसका भी श्रीनगर घूमने का मन हो गया। अमृतपाल ने पहले ही उसे अपने साथ ले जाने के लिए तैयार कर लिया था।
अमृतपाल का कहना था कि हम श्रीनगर घूम भी लेंगे और साथ-साथ काम करते-करते पैसे भी कमा लेंगे।
अमृतसर में पेंट का काम करता था रोहित
प्रेम मसीह ने बताया कि रोहित अमृतसर में पेंट का काम करता था। वह खुद भी दिहाड़ी मजदूर हैं। रोहित सिर्फ दो भाई-बहन ही हैं। अलसुबह रोहित के मरने की खबर सुनने के बाद परिवार की हालत और बुरी हो गई है।
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साल की पहली टारगेट किलिंग
अमृतपाल और रोहित की टारगेट किलिंग श्रीनगर में इस साल का पहला मामला है। बीते साल श्रीनगर में दर्जन भर टारगेट किलिंग हुई थीं। उनमें आतंकियों ने उन पुलिसवालों को भी निशाना बनाया था, जो छुट्टी पर घर आए थे। वहीं, 7 अक्टूबर 2021 को श्रीनगर में सिख टीचर सपिंदर कौर की हत्या कर दी गई। यह हमला भी इसीलिए हुआ था कि वह एक गैर-मुस्लिम थीं और श्रीनगर में रहकर आजीविका कमा रही थीं।
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