India’s GDP May Remain At 7% Next Year
2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश किए जाने से 2 दिन पहले, वित्त मंत्रालय ने आज यानी, 29 जनवरी को बताया कि भारत की GDP अगले साल 7% रह सकती है। मंत्रालय ने ‘द इंडियन इकोनॉमी: ए रिव्यू’ नाम की एक रिपोर्ट जारी की है। इसे मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन के ऑफिस के अधिकारियों ने तैयार किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मजबूत घरेलू मांग ने पिछले 3 साल में इकोनॉमी को 7% से ज्यादा की विकास दर पर पहुंचा दिया है। पिछले 10 सालों में सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के कारण निजी खपत और निवेश में मजबूती आई है। मैन्युफैक्चरिंग को बूस्ट देने के लिए उठाए कदम और इंफ्रास्ट्रक्चर में इन्वेस्टमेंट से सप्लाई साइड भी मजबूत हुई है।
2030 तक भारत 7 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि आने वाले सालों में भी इकॉनॉमी 7% की दर से बढ़ना जारी रह सकती है। केवल भू-राजनीतिक संघर्षों का बढ़ा जोखिम एक चिंता का विषय है। इसके अलावा, भारत 2030 तक 7 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है। यह जीवन की गुणवत्ता और जीवन स्तर प्रदान करने की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा।
बजट सत्र शुरू होने से ठीक दो दिन पहले मंत्रालय ने जारी की रिपोर्ट
यह रिपोर्ट सामान्य से अलग है क्योंकि यह संसद का बजट सत्र शुरू होने से ठीक दो दिन पहले आई है। इस साल लोकसभा चुनाव होने हैं, इसलिए 1 फरवरी को फुल बजट की जगह अंतरिम बजट पेश किया जाएगा। अंतरिम बजट से वर्तमान सरकार को नई सरकार के आने और पूर्ण बजट पेश होने तक, देश को चलाने के लिए पैसा मिलता है।
अंतरिम बजट से पहले इकोनॉमिक सर्वे पेश नहीं होता
सरकार अंतरिम बजट से पहले इकोनॉमिक सर्वे पेश नहीं करती है। वित्त मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘यह आर्थिक मामलों के विभाग की ओर से तैयार किया गया भारत का इकोनॉमिक सर्वे नहीं है। यह आम चुनाव के बाद पूर्ण बजट से पहले आएगा।’
ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट क्या है?
इकोनॉमी की हेल्थ को ट्रैक करने के लिए GDP का उपयोग किया जाता है। GDP देश के भीतर एक स्पेसिफिक टाइम पीरियड में प्रोड्यूस सभी वस्तुओं और सेवाओं की वैल्यू को दिखाती है। इसमें देश की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं उन्हें भी शामिल किया जाता है।
दो तरह की होती है GDP
GDP दो तरह की होती है। रियल और नॉमिनल। रियल GDP में गुड्स और सर्विस की वैल्यू का कैलकुलेशन बेस ईयर की वैल्यू या स्टेबल प्राइस पर किया जाता है। अभी GDP कैलकुलेशन के लिए बेस ईयर 2011-12 है। यानी 2011-12 में गुड्स और सर्विस के जो रेट थे उस हिसाब से कैलकुलेशन। वहीं नॉमिनल GDP का कैलकुलेशन करेंट प्राइस पर किया जाता है।
कैसे कैलकुलेट की जाती है GDP?
GDP कैलकुलेट करने के लिए एक फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है। GDP=C+G+I+NX, यहां C का मतलब है प्राइवेट कंजम्प्शन, G का मतलब गवर्नमेंट स्पेंडिंग, I का मतलब इन्वेस्टमेंट और NX का मतलब नेट एक्सपोर्ट है।
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