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माफी गलतियों की होती है, जान-बूझ कर किए गए गुनाह की नहीं: स्पीकर संधवां

चंडीगढ़, 14 दिसंबर:

Speaker Kultar Sandhawan:अकाली दल बादल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने आज श्री अकाल तख़्त साहिब श्री अमृतसर में उपस्थित होकर बेअदबी की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के लिए माफी माँगी है। इस संबंधी स. कुलतार सिंह संधवां स्पीकर पंजाब विधान सभा ने सवाल उठाते हुए कहा है कि यह देखने की बहुत ज़रूरत है कि इस माफी के पीछे सुखबीर बादल का मकसद क्या है?  

स. संधवां ने यहाँ से जारी प्रैस बयान के द्वारा कहा कि साल 2015 में सुखबीर सिंह बादल के पिता प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्व अधीन पंजाब सरकार की नाक के नीचे पावन पवित्र जागत जोत श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी की कई घटनाएँ घटीं। उन्होंने कहा कि इस सभी घटनाक्रम में पंजाब सरकार ने पूरी तरह से लापरवाही वाला व्यवहार अपनाया, जिस कारण समाज के दुर्भावनापूर्ण दुष्ट तत्वों के हौंसले बढ़े।  

स्पीकर ने कहा कि बादल सरकार में गृह विभाग सुखबीर बादल के पास था और इनकी तरफ से कहा जाता था कि पंजाब में हमारे आदेश के बिना पत्ता भी नहीं हिल सकता। इतने हंकार के रवैये के चलते लगातार बेअदबी की वारदातें हुईं और किसी जगह भी दुष्ट दोषियों को बादल सरकार पकड़ न सकी।  

स. संधवां ने सवाल किया कि सुखबीर बादल जी आपके राज के समय पर हुईं बेअदबियों के लिए तो आप अपने राजनीतिक हितों के ख़ातिर माफी माँग ली है, परन्तु बेअदबी का इंसाफ़ लेने के लिए कोटकपूरा के बत्तीयों वाला चौंक में एकत्रित हुई गुरू की पवित्र साध संगत के शांतमयी जलसे पर सुबह के समय पर गोलियाँ चलाने और दो गुरू प्यारे सिंहों भाई गुरजीत सिंह और भाई कृष्ण भगवान सिंह को शहीद किए जाने के लिए माफी कौन मांगेगा?  

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स्पीकर संधवां ने यह भी कहा कि धन-धन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के श्रद्धावान सिख के तौर पर मेरा मानना है कि गुरू ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी जैसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए कोई माफी हो ही नहीं सकती। यदि सुखबीर बादल बेअदबी के गुनाहों के लिए सच्चे दिल से पश्चाताप करना चाहता है तो उसको सक्रिय राजनीति से किनारा कर गुरू के विनम्र सिख के तौर पर श्री अकाल तख़्त साहिब और समूह सिख संगतों के आगे नतमस्तक होकर विनती करनी चाहिए। अकाली दल बादल के प्रधान के तौर पर माँगी गई यह माफी, जिसके अंतर्गत माफी के साथ ही अपनी राजनीतिक अधोगति का रोना रोते हुए पंजाब का राज दोबारा लुटेरा बादल परिवार के हवाले करने के भी मिन्नतें की गई हैं, केवल एक राजनीतिक तिकड़मबाज़ी से अधिक कुछ नहीं है।  

स. संधवां ने आगे कहा कि माफी के बहाने राजनीतिक दाँवपेंच खेलकर सुखबीर बादल ने अपने गुनाहों के घड़े में एक और गुनाह जोड़ लिया है। इतिहास के मार्गदर्शन में यह बात स्व-सिद्ध है कि धन-धन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की असमत की ओर बुरी नजर से देखने वाले न पहले कुछ रहा है और न ही रहेगा।  

Speaker Kultar Sandhawan

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