Russia Army Job Fraud Exposed
पंजाब के दो युवक इस समय रशिया में फंसे हुए हैं। दोनों युवकों के परिवारों ने अब विदेश मंत्रालय को खत लिख मदद की गुहार लगाई है। रशिया में फंसे पंजाबी गगनदीप सिंह और विक्रम सिंह दोनों ही गुरदासपुर के हैं और पड़ोसी गांवों के हैं। दोनों को मास्को में अच्छी नौकरी का झांसा देकर एजेंट ने अपनी बातों में फंसाया और आज दोनों ही रशिया आर्मी के पास हैं।
जानकारी अनुसार गगनदीप सिंह गुरदासपुर में कस्बा दीना नगर के गांव अवंखा का है। वहीं गगनदीप के पड़ोसी गांव झंडेचक का विक्रम बीते साल 27 दिसंबर को रशिया गया था। गगनदीप की मां कुलवंत कौर ने बताया कि वे गरीब परिवार से हैं। बहुत कम जमीन है, जहां मुश्किल से दो फसलें उगा कर पेट भर खाना मिलता है।
उसने बताया कि उनका बेटा नवंबर में किसी ट्रैवल एजेंट से मिला था। उसने मास्को में अच्छी नौकरी का झांसा दिया। जिसके बाद हमने गगनदीप को रशिया भेजने का फैसला किया, ताकि वे अच्छे पैसे कमा सके।
फोन पर हुई बात, डरे हुए थे
कुलवंत कौर ने जानकारी दी कि कुछ दिनों बाद ही गगनदीप का फोन आ गया। गगनदीप डरा हुआ था। उसने बताया कि बेलारूस में रशियन पुलिस ने उन्हें आर्मी के हवाले कर दिया है। वे बेलारूस में जॉब लेने जा रहे थे, तभी टैक्सी वाले ने उन्हें पुलिस को पकड़ा दिया। टैक्सी ड्राइवर उनसे पैसों की मांग कर रहा था।
कुलवंत कौर ने बताया कि रशियन पुलिस ने उन्हें 10 साल की सजा का डर दिया। आरोप लगाया कि उनके पास वीजा नहीं है। अगर वे आर्मी जॉइन कर लेते हैं तो उन्हें कुछ नहीं होगा। उन्हें 15 दिन की ट्रेनिंग दी गई। जिसके बाद उन्हें लड़ने के लिए यूक्रेन भेजा जाना है।
कुलवंत कौर ने विदेश मंत्रालय से उनके बेटे को ढूंढ वापस भेजने की मांग की है। उन्होंने एजेंट के झांसे में आकर 11 लाख का कर्जा ले लिया, ताकि गगनदीप सिंह को बाहर भेज सकें। लोन वापस चुकाने के लिए वे पूरी तरह से गगनदीप पर आश्रित हैं और गगनदीप अब उन्हें पैसे नहीं भेज रहा।
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रशियन आर्मी की वर्दी पहन भारतीय युवकों की वीडियो वायरल होने के बाद से ही CBI एक्टिव हो गई है। CBI की तरफ से अंबाला, दिल्ली, तिरुवनन्तपुरम, मुंबई, चंडीगढ़ सहित 13 लोकेशनों पर रेड भी कर रही है। CBI इस मामले को ह्यूमन ट्रैफिकिंग से जोड़ कर देख रही है।
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