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लुधियाना में भारत पेपर्स लिमिटेड में ED का छापा:200 करोड़ का बैंक फ्रॉड किया; दो पूर्व डायरेक्टरों को गिरफ्तार कर चुकी CBI

Punjab Ludhiana ED Raids Bharat Papers 

पंजाब के लुधियाना में आज भारत पेपर्स लिमिटेड में ED की टीम ने दबिश दी है। पेपर्स लिमिटेड द्वारा बैंकों के साथ 200 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। जिसके बाद कई राज्यों में छापामारी जारी है। जानकारी के मुताबिक ED की टीम ने जम्मू कश्मीर ,पंजाब और यूपी में 9 जगहों पर छापेमारी की है।

सितंबर 2006 में भारत पेपर्स लिमिटेड (BPL) ने जम्मू और लुधियाना में पेपर बोर्ड पैकेजिंग उद्योग से शुरुआत की थी। कंपनी के खिलाफ आरोप यह है कि इसके निदेशकों ने कई बैंकों के साथ लगभग 200 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी को अंजाम दिया। भारत पेपर्स लिमिटेड के निदेशक राजिंदर कुमार, प्रवीण कुमार, बलजिंदर सिंह, अनिल कुमार और अनिल कश्यप हैं। फिलहाल इस मामले में जांच जारी है। लुधियाना में भामियां रोड पर बनी भारत बाक्स फैक्ट्री में सुबह 7.30 बजे ED की टीम पहुंच गई। फैक्ट्री सील कर दी गई। इस दौरान दोपहर कई कर्मचारियों को फैक्ट्री अधिकारियों ने पिछे बने शटरों से बाहर निकाला।

11 नवंबर 2022 को पुलिस ने प्रवीण और अनिल को किया था गिरफ्तार
11 नवंबर 2022 को भारत पेपर्स लिमिटेड कंपनी के दो पूर्व डायरेक्टर प्रवीण अग्रवाल व अनिल कुमार को CBI ने बैंक गबन के मामले में जम्मू स्थित कठुआ से गिरफ्तार किया था। इन पर आरोप था कि उन्होंने SBI बैंक की लुधियाना शाखा से अधिकारियों की मिलीभगत से 87.88 करोड़ के ऋण का घोटाला किया है। इसी मामले को आधार बनाकर CBI ने आरोपियों को गिरफ्तार किया था।

CBI के अधिकारियों के मुताबिक लुधियाना की स्टेट बैंक की शाखा की शिकायत पर वर्ष 2020 में भारत पेपर्स मिल और उसके प्रबंध निदेशक, निदेशकों सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इसी मामले में कंपनी के तत्कालीन निदेशक अनिल कुमार और प्रवीण अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया था। भारत पेपर मिल कठुआ के लंगेट में 400 कनाल भूमि में लगी बताई जा रही है।

मंदी के कारण बंद हुई यूनिट
मंदी के कारण यह इकाई करीब 16 साल पहले बंद हो गई थी और इसकी मशीनरी भी बेची जा चुकी है। हालांकि, बैंक ने काफी साल पहले कंपनी के डिफॉल्ट होने पर इस जमीन को अपने कब्जे में ले लिया है। वर्ष 2006 में कंपनी ने लगभग 200 करोड़ का निवेश पहले चरण में और दूसरे चरण में फिर से 200 करोड़ निवेश करने का दावा किया था, लेकिन दो साल के अंदर ही कंपनी ने कठुआ स्थित इकाई को ताला जड़ दिया।

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अधिकारियों की मिलीभगत से हुई धोखाधड़ी
इस प्रोजेक्ट को चलाने के लिए लुधियाना में स्टेट बैंक की शाखा से लोन लिया गया था। कंपनी की एक इकाई सांबा के औद्योगिक क्षेत्र में भी है। बैंक का आरोप है था कि SBI के अज्ञात अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके धोखाधड़ी की थी। बताया जा रहा है कि 87.88 करोड़ रुपए का ऋण ब्याज सहित लगभग 121.13 करोड़ का बन चुका है।

Punjab Ludhiana ED Raids Bharat Papers 

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