Haryana Rain hail Crop Loss
हरियाणा में बारिश-ओलावृष्टि से 8 लाख एकड़ फसल में 25% नुकसान हुआ है। वहीं, हरियाणा क्षतिपूर्ति पोर्टल में 5 एकड़ की शर्त ने किसानों के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।
किसान सिर्फ इतने नुकसान की रिपोर्ट ही क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड कर पा रहे हैं। सरकार ने पोर्टल पर फसलों को ओलावृष्टि और बारिश से हुए नुकसान के लिए 15 मार्च तक का ही टाइम दिया है।
इसको लेकर सरकार के प्रति किसानों में आक्रोश पनप रहा है। हालांकि, मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा किसानों से अपील की गई है कि वह जल्द से जल्द फसलों को हुए नुकसान की जानकारी क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड कर दें।
बड़ी संख्या में किसान नहीं कर पा रहे डाटा अपलोड
किसानों का कहना है कि जिन किसानों का 5 एकड़ से ज्यादा नुकसान हुआ है, उन्हें पोर्टल पर बहुत दिक्कत आ रही है। एक किसान राजेंद्र बालियान ने बताया कि मेरे पास 25 एकड़ में गेहूं की खेती है, बारिश और ओलावृष्टि के कारण अधिकांश फसल खराब हो गई है।
मेरे द्वारा पोर्टल पर रिपोर्ट अपलोड करने का प्रयास किया कि मुझे कितना नुकसान हुआ है, लेकिन पोर्टल 5 एकड़ से अधिक फसल के नुकसान को दर्ज करने में विफल रहा।
किसानों के अनुसार, वर्तमान में वे केवल पांच एकड़ तक के नुकसान के लिए रिपोर्ट जमा कर सकते हैं और परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में किसान अपने खेतों में हुए नुकसान की मात्रा अपलोड करने में असमर्थ हैं, जिससे उनमें आक्रोश पैदा हो रहा है।
किसानों ने सरकार से फसल नुकसान को केवल पांच एकड़ तक अपलोड करने की सीमा को बढ़ाने की मांग की है। “बारिश और ओलावृष्टि के कारण हमें भारी नुकसान हुआ है।
सरकार को किसानों को वास्तविक एकड़ जमीन अपलोड करने की अनुमति देनी चाहिए, जहां उन्हें नुकसान हुआ है। सरकार ने सोमवार को घोषणा की है कि किसानों के लिए 15 मार्च तक अपने दावे दर्ज कराने के लिए पोर्टल खुला रहेगा।
असंध विधायक और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शमशेर सिंह गोगी ने कहा कि सरकार को पांच एकड़ की सीमा हटाकर ‘क्षतिपूर्ति’ पोर्टल को फिर से डिजाइन करना चाहिए।
इसे ‘मेरी फसल, मेरा ब्योरा’ पोर्टल के अनुसार लागू किया जाना चाहिए और किसानों, सरपंच या नंबरदार की उपस्थिति में भौतिक गिरदावरी की जानी चाहिए। अगर, सरकार किसानों को मुआवजा देना चाहती है, तो उसे पांच एकड़ की सीमा हटा देनी चाहिए।
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किसानों को उन वास्तविक एकड़ भूमि को अपलोड करने की अनुमति देने से जहां उन्हें नुकसान हुआ है, सरकार को सटीक डेटा उपलब्ध होगा। सरकार को किसानों को मुआवजा देना चाहिए।
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