Delhi Crime News
दिल्ली पुलिस ने ऐसे लुटेरों के गैंग का पर्दाफाश किया है, जो खुद को दिल्ली पुलिस के अधिकारी बताकर दुकानों में जाते थे और नकली पुलिस के आईकार्ड, नकली वायरलेस सेट दिखाकर खुद को पुलिस वाला बताकर लूट किया करते थे. दिल्ली पुलिस ने सीमापुरी इलाके में एक ऐसी लूट की कॉल रिसीव कि जिसके मुताबिक कॉलर ने बताया कि वो सीमापुरी में रहते है और 25 नवंबर को 5 लोग उनके घर आए और उनसे 33000 रुपए और दो मोबाइल लूटकर ले गए. इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी.
ऐसी ही एक कॉल 22 नवंबर को पुलिस को मिली, जिसमे कॉलर ने बताया कुछ लोग दिल्ली पुलिस के अधिकारी बनकर आए और उनसे 50000 रुपए की लूट करके फरार हो गए. दोनों ही मामले पुलिस को एक जैसे लगे, जिसके बाद पुलिस ने एक टीम का गठन करके जांच शुरू कर दी. सीसीटीवी फुटेज के हिसाब से जांच में पता लगा कि आरोपी दो अलग-अलग मोटरसाइकिल पर आते है और इसके बाद उनकी पहचान की गई
.कैसे एक कागज का टुकड़ा बना लीड?
दिल्ली पुलिस को मामले की जांच करते हुए 22 नवंबर वाले लूट के मामले में पुलिस के हाथ एक छोटा सा कागज का टुकड़ा लगा, जो आरोपी लूट करके गलती से छोड़ गए थे. यह छोटा सा कागज का टुकड़ा अप्रैल 2023 का ऑनलाइन पुलिस क्लिरेन्स सर्टिफिकेट का टुकड़ा था. इस सर्टिफिकेट की जांच करके पुलिस ने स्पेशल ब्रांच में परमिशन देने वाले अधिकारी और परमिशन मांगने वाले शख्स जो अभी नेपाल में है उससे बात की.
जांच में पता लगा कि इस शख्स ने पुलिस वेरिफिकेशन फॉर्म की कॉपी शानू नाम के शख्स को दी थी, जो मौजपुर के घोंडा का रहने वाला है. ये शख्स खुद को पुलिस अफसर बताकर वैरिफिकेशन कराने का वादा कर रहा था. टेक्निकल सर्विलेंस के बाद पुलिस ने मौजपुर में आरोपी जीशान उर्फ शानू नाम के शख्स की पहचान की और उसे पकड़ा. इसके बाद दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया. इनके पास से वॉकी टॉकी, मोटरसाइकिल, पुलिस स्टिकर, सायरन, पुलिस यूनिफॉर्म बरामद की जो क्राइम में इस्तेमाल की गई थी.
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पुलिस के मुताबिक, आरोपी जीशान इस गैंग का मास्टरमाइंड था. जीशान अपने साथी जुबेर के जरिए दिल्ली पुलिस की यूनिफॉर्म अरेंज करता था. समीर जस्ट डायल पर कॉल करके स्पा मसाज सेंटर के नंबर लेता था. एक और आरोपी अमजाद फर्जी कस्टमर बनकर इन स्पा सेंटर में जाता था. इसके सिग्नल के बाद बाकि गैंग मेम्बर्स जिसमें इमरान खुद को कांस्टेबल अशोक राना बताता था फर्जी आईकार्ड के साथ, जीशान उर्फ शानू खुद को सब इंस्पेक्टर जाकिर खान बताकर रेड टीम का अधिकारी बताता था.
पूछताछ में इन्होंने बताया ये जस्ट डायल के जरिए वेबसाइट्स के जरिए कॉल गर्ल्स की जानकारी लेते थे और फिर इन एड्रेस पर जाकर फर्जी रेड करके लूट करते थे. आरोपी अमजद की उम्र 24 साल है और यह पहले मेडिकल स्टोर में काम करता था. जीशान बेकरी में काम करता था और इमरान कैरी बैग की फैक्ट्री में काम किया करता था. इनके ऊपर लूटपाट के पहले भी कुछ मुकदमे थे.
इनकी गिरफ्तारी से लूट के कई मामले सुलझ गए है और इनके पास से 2 बाइक, एक वॉकी टॉकी, इंस्पेक्टर की कैप, रेड बैल्ट, दिल्ली पुलिस के लोगो का फेस मास्क, पुलिस के लोगो की जुराबें, सब इंसेक्टर की शर्ट पेंट, फर्जी दिल्ली पुलिस के आईकार्ड मिले है. ये लोग दिल्ली पुलिस के फर्जी आईकार्ड, कपड़े, वॉकी टॉकी कैसे अरेंज करते थे इसको लेकर इन आरोपियों से पूछताछ जारी है.
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