Punjab Government Loan Limit Decrease
केंद्र सरकार ने पंजाब को एक और वित्तीय झटका दिया है। केंद्र सरकार ने पंजाब की कर्ज लेने की सीमा में 2300 करोड़ रुपए की कटौती की है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने इस बार पावरकॉम के साल 2022-2023 के 4700 करोड़ के घाटे का हवाला दिया है। केंद्र सरकार ने इस घाटे का 50% राज्य सरकार को सहन करने लिए कहा है।
इससे पहले पावरकॉम 2015-16 में केंद्र सरकार की एक योजना उज्जवल डिस्काम योजना में शामिल हुआ था। फिर पावरकॉम ने 156028 करोड़ का कर्जा लिया था। इसमें 5210 करोड़ का कर्जा सूबे की गारंटी वाले बॉन्ड से जारी किया गया था।
केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को लिखा पत्र
केंद्र सरकार ने इस बारे में पंजाब सरकार को जानकारी दे दी है। 2022-2023 में पंजाब के कर्ज लेने की सीमा 4573035 करोड़ थी, जिसमें से अब 2300 करोड़ की कटौती की जाएगी। वित्तीय संकट का सामना कर रहे राज्य के लिए यह चीज किसी चुनौती से काम नहीं होगी।
इस फरमान से वित्त विभाग की टेंशन बढ़ गई है। इससे पहले केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम का हवाला देकर कर्ज सीमा में 1800 करोड़ रुपए की कटौती की थी। हालाकि इसे बाद में बहाल कर दिया गया था।
पंजाब ने घाटे की कई वजह बताई
इस केंद्रीय स्कीम के खत्म होने के बाद पावरकॉम का वित्तीय घाटा सामने आया तो केंद्रीय मंत्रालय ने कर्ज लेने की सीमा में कटौती का फैसला लिया। पंजाब सरकार ने अब केंद्र से कर्जे में कटौती न करने की अपील की है। राज्य सरकार में केंद्र सरकार को कहा है कि साल 2022 23 में पावरकॉम को जो घाटा हुआ है, उसके लिए कई पक्ष जिम्मेदार हैं। जिनमें केंद्र सरकार के निर्देश पर विदेशी कोयला खरीदना भी शामिल है।
विदेशी कोयला खरीदने से 38500 करोड़ खर्च करने पड़े हैं। इसी तरह छठे पे कमीशन की सिफारिशें लागू होने पर 1721 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ा है। पावरकॉम का बड़ा तर्क दिया गया है कि तीन सालों से पावर के टैरिफ नहीं बढ़ाए गए हैं। साल 2020 2021 में बिजली दरों 0.71 फ़ीसदी बढाया गया, जबकि 2021 में बिजली दरें 0.89 फीसदी कम कर दी गई।
AAP सरकार ने अपने पहले साल में बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की थी। साल 2022 में 300 यूनिट मुफ्त बिजली का ऐलान किया गया था। इस साल भी बिजली सब्सिडी का भुगतान 20200 करोड़ था। चालू वित्तीय वर्ष में सब्सिडी 21623 करोड़ को टच कर सकती है। मार्च 2024 तक सब्सिडी का बोझ 22000 करोड़ रुपए होने की संभावना है।
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2600 करोड़ सरकारी दफ्तरों के बिजली बिल बकाया
पावरकॉम का दावा है कि जब से पिछवाड़ा कोयले की की खान चालू हुई है तब से राज्य सरकार ने विदेशी कोयला प्रयोग करने से इनकार किया है। जिस करके चालू बीते साल की पहली दो तिमाहियों में मुनाफा दर्ज किया गया है। वहीं अधिकारियों की माने तो राज्य सरकार के पास करीब 2600 करोड़ रुपए के बिजली बिल सरकारी विभागों से बकाया हैं।
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