Chandnibag Police Station Haryana
हरियाणा में पानीपत पुलिस के चांदनीबाग थाना के तत्कालीन एसएचओ इंस्पेक्टर कर्मबीर सिंह को पानीपत की ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इंस्पेक्टर पर उसी के थाने में ब्लैकमेलिंग और एक्सटॉर्शन के अलावा अन्य धाराओं में FIR दर्ज हुई थी।
जिसके बाद से SHO पुलिस की गिरफ्त से बाहर था। बुधवार देर रात पुलिस की CIA-1 टीम ने SHO को पकड़ लिया है। आज कोर्ट में पेश किया जाएगा। मामले में नामजद ASI सतीश अभी फरार है। जिसकी धरपकड़ में पुलिस की टीमें में जुटी हुई हैं।
DSP नरेंद्र कादियान ने कहा कि पूछताछ में कर्मबीर ने बताया की उसे हत्या होने का पता था। आरोपियों से मिलीभगत कर पैसों के लालच में मामले को रफा-दफा किया था। इतना ही नहीं तमाम सबूत (सीसीटीवी, प्रत्यक्षदर्शी) को भी मानने से इनकार किया था।
यहां तक कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी पसलियां टूटने की बात आई थी। इसे भी दरकिनार कर दिया था। हालांकि पैसे पुलिस की पास आए नहीं थे, ये पैसे दलाल के पास रखे थे।
अब सिलसिलेवार पढ़ें पूरा मामला…
बबैल नाका के पास रहने वाले राजू ने बताया था कि 18 दिसंबर 2023 की रात करीब 7 बजे वह साथी आरिफ के साथ खाना खाने के लिए प्रेमी ढाबे में गया था। जहां आरिफ की ढाबे पर वेटर का काम करने वाले चौटाला नाम के युवक से कहासुनी हो गई।
बहस बढ़ने पर चौटाला ने पहले खुद आरिफ से मारपीट की। फिर साथियों को बुलाकर लाठी-डंडों से पिटवाया। मारपीट के बाद आरिफ की मौत हो गई। सूचना मिलने पर परिजन भी मौके पर पहुंचे।
मृतक आरिफ के भाई नफीस ने बताया कि वे मामले की शिकायत लेकर पुलिस के पास गए। जहां पुलिस ने परिजनों को कहा कि वे लिख कर दे दें कि आरिफ की बीमारी से मौत हुई है। परिजनों ने कार्रवाई न करने पर SP को शिकायत कर दी थी। जिसके बाद एसपी शेखावत ने इसकी जांच CIA वन पुलिस टीम से करवाई।
ढाबे के बाहर CCTV में दिखी थी मारपीट
जांच के दौरान सीआईए वन की टीम को ढाबे के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज मिली। जिसमें आरोपी युवक को पीट रहे हैं। जिससे बाद में उसकी मौत हो गई। यही नहीं, युवक का दोस्त भी इसका चश्मदीद था लेकिन पुलिस ने उसकी भी बात नहीं सुनी।
इंस्पेक्टर और ASI ने कत्ल के चश्मदीद के साथ हत्या के CCTV फुटेज तक को मानने से इनकार कर दिया था। इस मामले में 12 जनवरी को पानीपत के SP अजीत सिंह शेखावत ने दोनों को सस्पेंड किया था।
हत्यारों से रुपए ज्यादा लिए, परिवार को कम देने लगे
पुलिस सूत्रों के अनुसार मामले का खुलासा उस वक्त हुआ, जब किसी तरह पुलिस और बीच में आए लोगों ने मृतक युवक के परिवार और आरोपियों के बीच समझौता करवाने की बात कही। इस मामले में आरोपी इशांत ने दोनों पक्षों के बीच दलाली की थी। तथ्यों के अनुसार इशांत आरोपियों से काफी रुपए ले चुका था, मगर मृतक के परिवार को नाम मात्र ही देने की पेशकश रखी गई।
लेकिन, मृतक के परिजनों ने कार्रवाई की ही मांग की थी। कत्ल केस को कुदरती मौत बनाने के सेटिंग के इस खेल में थाना प्रभारी समेत अन्य सभी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल रहे।
ASP मयंक मिश्रा की शिकायत पर SHO और ASI के साथ अनूप उर्फ भांजा, राजेश मलिक, इशांत उर्फ ईशू और अनिल मदान समेत कुल 6 और आरोपियों पर IPC की धारा 120B, 166, 166A, 202, 217, 218, 389, 506 और एंटी करप्शन एक्ट की धारा लगाई गई।
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