Fake Loan App Will Soon Be Banned
फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोन देने वाले फ्रॉड ऐप्स के एडवर्टाइजमेंट पर रोक लग सकती है। केंद्र सरकार जल्द ही फ्रॉड ऐप्स के एडवर्टाइजमेंट पर रोक लगाने के लिए नए नियम लेन पर विचार कर रही है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया की “सरकार बिचौलियों को फर्जी लोन ऐप्स के विज्ञापन होस्ट करने से रोकने के लिए मौजूदा सूचना टेक्नोलॉजी रूल्स में बदलाव करेगी। नए नियमों के आने के बाद सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म द्वारा ऐसे ऐप्स का प्रचार किए जाने पर वे अपना लीगल प्रोटेक्शन खो सकते हैं।”
आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोगों को बनाते हैं निशाना
फर्जी लोन ऐप आमतौर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यूजर्स को आकर्षक ऑफर के एड देकर लुभाते हैं। आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोगों को लोन लेने का लालच दिया जाता है। फिर लोन अप्रूव हो जाने के बाद कर्जदारों पर हिडन चार्जेस के साथ सालाना 3000% तक ब्याज बढ़ा देते हैं।
लोन नहीं चुकाने पर करते हैं ब्लैकमेल
ऐप डाउनलोड करते वक्त ही यूजर्स से उसकी पर्सनल इनफार्मेशन तक पहुंचने का एक्सेस ले लिया जाता है। जब कर्जदार लोन के पैसे वापस करने में असमर्थता जताते तो उन्हें प्रताड़ित किया जाता है। उन्हें भद्दे मैसेज भेजे जाते हैं। कर्जदाताओं की तस्वीरों से छेड़छाड़ कर उन्हें वायरल करने की धमकी भी दी जाती है।
रिजर्व बैंक दे चुका है ऐसे ऐप्स की सूची
हाल ही में, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि केंद्रीय बैंक ने भारत सरकार के साथ ऋण देने वाले ऐप्स की एक सूची साझा की है। ये फेक लोन ऐप्स के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अब तक 581 ऐप्स को ब्लॉक कर चुकी है सरकार
केंद्र ने पिछले साल 15 दिसंबर तक कुल 581 ऐप्स को ब्लॉक कर चुकी है। फरवरी में केंद्र सरकार ने चीनी कनेक्शन सामने आने के बाद 232 मोबाइल ऐप को बैन और ब्लॉक कर दिया था। इसमें 138 ऑनलाइन सट्टा खिलाने वाले और 94 लोन देने वाले ऐप्स शामिल थे।
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