Sirsa Woman Advocate Notice Canceled
नो ऑब्जेक्शन को सख्ती से लागू करने की मांग को लेकर बार एसोसिएशन सिरसा के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली महिला अधिवक्ता ज्योति बत्रा के खिलाफ जारी हुए शोकॉज नोटिस को जिला बार एसोसिएशन ने रद्द कर दिया है।
आपको बता दें कि, जिला बार एसोसिएशन ने 26 सितंबर 2023 को महिला अधिवक्ता ज्योति बत्रा को शोकॉज नोटिस जारी किया था। इसके बाद अगले ही दिन महिला अधिवक्ता ने नोटिस का जवाब भी दाखिल कर दिया था। एसोसिएशन ने ज्योति बत्रा को तीन दिन का टाइम दिया था। इसके अलावा महिला अधिवक्ता ने बार एसोसिएशन से अपनी सदस्यता वापस लेने का बड़ा फैसला लिया था।
महिला अधिवक्ता ने अपने जवाब में बताया था कि वह वर्ष 2012 से जिला बार एसोसिएशन सिरसा की सदस्य है। मैंने हमेशा से सच का साथ दिया है और अब मुझ पर बार एसोसिएशन सिरसा द्वारा दबाव बनाया जा रहा है कि धरना प्रदर्शन बंद करो वरना अपने खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। अब मैं अपनी सदस्यता जिला बार एसोसिएशन सिरसा से वापस ले रही हूं। मौजूदा एसोसिएशन पदाधिकारियों के कार्यकाल तक मेरी सदस्यता वापिस ली जाए,क्योंकि यहां महिलाएं सुरक्षित नहीं। अपना जवाब दाखिल करने के बाद महिला अधिवक्ता ज्योति बत्रा ने धरना समाप्त कर दिया था। इसके बाद नवनियुक्त जिला बार एसोसिएशन पदाधिकारियों ने इस मामले की जांच शुरू की।
16 फरवरी 2024 को जिला बार एसोसिएशन ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले की गंभीरता से जांच की गई है। जांच के क्रम में करीब 28 वरिष्ठ अधिवक्ताओं का बयान लिया गया। इसके अलावा 25-09-2023 और 26-09-2023 के सीसीटीवी फुटेज का भी अवलोकन किया गया है। अधिवक्ता ज्योति बत्रा द्वारा की गई शिकायत व उक्त कारण बताओ नोटिस के जवाब का भी अवलोकन किया गया है और वर्तमान मामले के सभी तथ्यों और परिस्थितियों को देखने के बाद यह पाया गया है कि महिला अधिवक्ता के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप गलत और आधारहीन है। उन्होंने कारण बताओ नोटिस में बताए कारण अनुसार कोई कार्य नहीं किया है, बल्कि उन्होंने वकीलों के हित में विरोध किया है।
एसोसिएशन ने कहा- जांच में आरोप आधारहीन पाए गए
महिला अधिवक्ता द्वारा किया गया विरोध संपूर्ण कानूनी बिरादरी का कल्याण के लिए किया गया विरोध था। जो किसी भी गैरकानूनी कृत्य के दायरे में नहीं आता है। महिला अधिवक्ता ज्योति बत्रा का मामला झूठे आरोपों पर आधारित होना पाया गया है, इसलिए वापस और रद्द किया जाता है। गौरतलब है कि तत्कालीन जिला बार एसोसिएशन के प्रधान एडवोकेट गणेश सेठी ने इस धरने को अनुशासनहीनता मानते हुए एडवोकेट ज्योति बत्रा को शोकाॅज नोटिस जारी किया था।
तत्कालीन बार प्रधान के खिलाफ नारेबाजी करते हुए दिया था धरना
आपको बता दें कि, अधिवक्ताओं के अधिकारों का संरक्षण करने हेतु नो ऑब्जेक्शन को सख्ती से लागू करने व पैरवी कर रहे वकील की केस वापसी के दौरान कोर्ट में आईडेंटीफिकेशन कम्पलसरी करवाने की मांग को लेकर महिला अधिवक्ता ज्योति बत्रा व संजू बालाने 26 सितंबर 2023 को बार एसोसिएशन सिरसा के पदाधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए बार रूम के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया था। एक दिन पहले इसी मामले को लेकर बार रूम में काफी हंगामा हुआ था।
धरने पर बैठ महिला एडवोकेट ज्योति बत्रा व संजू बाला ने बताया था कि वे पिछले काफी समय से उक्त मांगों को लेकर आवाज उठा रहे हैं। अधिवक्ताओं के अधिकारों का हनन हो रहा है। दोनों महिला वकील का कहना है कि जब कोई मुवक्किल किसी अधिवक्ता के पास आता है तो केस की फीस तय करता है। शुरू में थोड़ी फीस देकर काम करवाता है और बकाया राशि केस के अंत में देने का वादा करता है। अधिवक्ता केस की पैरवी कई वर्षों तक करता रहता है। केस के आखिरी समय में मुवक्किल दूसरा वकील हायर करके अपना केस चलवाने लगता है या दूसरे वकील से केस विड्रा करवा लेता है। नो ओबजेक्शन के पूरी तरह न लागू होने के कारण मेहनत करने वाला वकील हाथ मलता रह जाता है।
महिला वकीलों ने बताया कि उपरोक्त नियमों के न होने से वकीलों को पिछले कई वर्षों से समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसी वर्ष में नुकसान उठाने वाली महिला अधिवक्ता स्नेह शर्मा, प्रियंका, संजू बाला व विमल रानी ने आवाज उठाते हुए जिला बार सिरसा को शिकायत लगाई की उनके अधिकारों का हनन हुआ है। उनकी मेहनत को उनसे छीना गया है,जिस पर बार एसोसिएशन अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया है।
Sirsa Woman Advocate Notice Canceled