Shiromani Akali Dal
पंजाब में सुखदेव सिंह ढींडसा के नेतृत्व वाली शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) और शिरोमणि अकाली दल (SAD) का आज विलय हो गया है। सुखदेव सिंह ढींडसा चंडीगढ़ स्थित निवास पर शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर बादल पहुंचे। सुखबीर बादल ने सुखदेव सिंह ढींढसा को प्रकाश सिंह बादल का पद देते हुए पार्टी सरपरस्त घोषित कर दिया है।
सुखबीर बादल ने कहा कि पहले पार्टी प्रकाश सिंह बादल की छत्र-छाया में आगे बढ़ रही थी। अब वे नहीं हैं। इसलिए आप (सुखदेव ढींडसा) सरपरस्त की सेवा संभाल पार्टी को आगे बढ़ाओ। सुखबीर बादल ने कहा कि हमारा एक्सपीरिएंस इतना नहीं है, जितना हमारे बुजुर्गों का है।
वहीं सुखदेव ढींढसा ने कहा कि अभी चुनाव आने वाले हैं, इसलिए वे अभी पार्टी में अपने नेताओं के लिए पद नहीं चाहते हैं। चुनावों के बाद बैठ कर अकाली दल संयुक्त के नेताओं को उचित पद दिए जाएंगे।
सुखदेव सिंह ढीडसा ने कहा कि बीते साल दिसंबर में सुखबीर बादल ने श्री अकाल तख्त साहिब के सम्मुख माफी मांगी थी। ये माफी उन्होंने दिल से मांगी थी। इसके बाद ही उन्होंने पार्टी का अकाली दल से विलय का मन बनाया था।इसके लिए पांच सदस्य टीम गठित की गई, जिसने पूरे प्रदेश में घूम इस पर राय ली। सभी यही चाहते हैं कि पार्टी एक होकर आगे चले।
सुखदेव सिंह ढींडसा ने कहा कि उनकी पार्टी की जिला इकाई के नेताओं ने उनकी बात को माना, इसलिए वे उनका धन्यवाद करते हैं। सुखबीर बादल ने उनकी उन बातों को मान लिया है, जिसके चलते दूरियां पैदा हुई थी। अब दोनों पार्टियां एक हैं और इंटरनल बैठ कर अगली रणनीति तैयार होगी।
संगरूर से परमिंदर ढींडसा लड़ सकते हैं चुनाव सुखदेव सिंह ढींडसा के बेटे परिमदर सिंह 2012-2017 में पिछली अकाली दल-भाजपा सरकार में वित्त मंत्री थे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, परमिंदर ढींडसा को जल्द ही संगरूर लोकसभा सीट से अकाली दल अपना उम्मीदवार घोषित कर सकता है। हालांकि, आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस पर कोई बातचीत नहीं की गर्ठ। पार्टी की सीनियर लीडरशिप इस पर विचार भी कर रही है और विलय के बाद भाजपा से गठजोड़ का रुख साफ होने पर इसकी घोषणा भी कर सकती है।
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दोनों पार्टियों के विलय को लेकर बीते साल 24 दिसंबर से बातचीत चल रही है। तब सुखबीर बादल ने सार्वजनिक होकर श्री अकाल तख्त साहिब के सामने अपनी पार्टी के नेताओं के सभी कथित गलत कामों के लिए माफी मांगी थी। जिसके बाद ढींडसा ने अपनी पार्टी के नेताओं से बातचीत करने की बात कही थी। वहीं, 5 सदस्य कमेटी का भी गठन किया गया था, जिसे विलय पर रिपोर्ट तैयार कर सौंपनी थी।
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