Haryana Cabinet Expansion
हरियाणा के नए CM नायब सिंह सैनी ने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की कैबिनेट के चार मंत्रियों की छुट्टी कर दी है। इसमें सबसे बड़ा नाम पूर्व गृहमंत्री अनिल विज का है। इसके अलावा तीन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के नाम भी हैं। इनमें ओम प्रकाश यादव, कमलेश ढांडा और संदीप सिंह शामिल हैं।
नायब सिंह सैनी को विधायक दल का नया नेता चुनने पर अनिल विज नाराज हो गए थे। इस नाराजगी पर केंद्रीय नेतृत्व सख्त हो गया और उन्होंने विज को नहीं मनाने की नए सीएम को हिदायत दी। वहीं दो राज्यमंत्री ओम प्रकाश यादव और कमलेश ढांडा को खराब रिपोर्ट कार्ड के कारण कैबिनेट में जगह नहीं दी गई।
इसके साथ पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह पर जूनियर महिला कोच के यौन शोषण के आरोपों की वजह से नायब सैनी ने उन्हें अपनी कैबिनेट में जगह नहीं दी।
BJP हाईकमान ने पार्टी के वरिष्ठ नेता और अपनी तुनकमिजाजी के लिए मशहूर अनिल विज पर इस बार सख्त फैसला लिया। सूबे में दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP) से गठबंधन टूटने और मनोहर लाल के CM पद से इस्तीफे के बाद नायब सिंह सैनी को विधायक दल का नया नेता चुनने पर अनिल विज नाराज हो गए थे। वह केंद्रीय पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में ही बैठक बीच में छोड़कर निकल गए।
मनोहर लाल सरकार में अनिल विज के पास गृह और सेहत जैसे भारी-भरकम मंत्रालय थे, लेकिन तब उन्होंने कई बार सरकार के फैसलों को लेकर सार्वजनिक मंचों से विरोध जताया। नूंह दंगों में उन्होंने CID इनपुट न मिलने की बात कही जबकि CID की रिपोर्टिंग सीधे सीएम को थी। सेहत महकमे में मुख्यमंत्री दफ्तर के अफसरों के दखल के बाद महीनेभर तक फाइलें नहीं देखीं। इस तरह के घटनाक्रमों से सरकार की किरकिरी हुई।
मनोहर लाल की कैबिनेट में संदीप सिंह के पास खेल विभाग था। वर्ष 2023 में झज्जर की एक जूनियर महिला कोच ने उन पर यौन शोषण के आरोप लगाए। उससे सरकार की जमकर किरकिरी हुई। उस घटनाक्रम के बाद तत्कालीन सीएम मनोहर लाल ने संदीप सिंह से खेल महकमा तो वापस ले लिया, लेकिन उन्हें अपनी कैबिनेट से बाहर नहीं किया।
विरोधी दल इसे लेकर बार-बार सरकार को घेरते रहे। अब चूंकि लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं इसलिए नायब सैनी ने उन्हें अपनी कैबिनेट में लेने का रिस्क नहीं लिया
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मनोहर लाल सरकार में ओमप्रकाश यादव प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थे। उन्हें हटाने की चर्चा दो साल से चल रही थी। इसकी वजह ये थी कि वह सिर्फ अपने इलाके यानी नारनौल विधानसभा सीट तक सिमट चुके थे। इसका नुकसान सरकार को उठाना पड़ा। उनकी निष्क्रियता के कारण विपक्ष उन्हें लगातार घेरता रहा।
मनोहर सरकार में बतौर राज्यमंत्री महिला एवं बाल विकास विभाग संभालने वाली कमलेश ढांडा की रिपोर्ट कार्ड भी अच्छी नहीं थी। उन्हें भी कैबिनेट से हटाने की चर्चाएं काफी समय से चल रही थीं। राज्य सचिवालय में भी उनकी उपस्थिति ज्यादा नहीं रही। ऐसे में उन्हें हटाकर अब मंत्रिमंडल में महिला कोटे से सीमा त्रिखा को जगह दी गई है।
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