Friday, November 22, 2024
Google search engine
Friday, November 22, 2024
HomeUncategorizedश्री दरबार साहिब अमृतसर से आज का हुकमनामा

श्री दरबार साहिब अमृतसर से आज का हुकमनामा

Today Hukamnama

बैराड़ी महला ४ ॥
हरि जनु राम नाम गुन गावै ॥ जे कोई निंद करे हरि जन की अपुना गुनु न गवावै ॥१॥ रहाउ ॥
जो किछु करे सु आपे सुआमी हरि आपे कार कमावै ॥ हरि आपे ही मति देवै सुआमी* हरि आपे बोलि बुलावै ॥१॥
हरि आपे पंच ततु बिसथारा विचि धातू पंच आपि पावै ॥ जन नानक सतिगुरु मेले आपे हरि आपे झगरु चुकावै ॥२॥३॥(अर्थ)

बैराड़ी महला ४ ॥
हरि का भक्त राम-नाम का ही गुणगान करता है। यदि कोई हरि-भक्त की निन्दा करता है तो भी वह अपने गुणों वाला स्वभाव नहीं छोड़ता। १॥ रहाउ॥
जो कुछ भी करता है, वह स्वामी प्रभु स्वयं ही करता है और वह स्वयं ही सभी कार्य करता है। परमात्मा स्वयं जीवों को सुमति देता है और स्वयं ही (वचन बोलकर) जीवों से वचन बुलाता है। १॥
उस परमात्मा ने स्वयं आकाश, वायु अग्नि, जल एवं पृथ्वी इन पाँच तत्वों का जगत प्रसार किया है और वह स्वयं ही इसमें काम, क्रोध, लोभ, मोह एवं अहंकार रूपी पाँच विकार डालता है। हे नानक ! परमात्मा स्वयं ही अपने भक्तों को सतगुरु से मिलाता है और वह स्वयं ही विषय-विकारों का झगड़ा मिटा देता है। २॥ ३॥

Today Hukamnama

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments