Rahul Gandhi Parliament Speech Controversy
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोमवार 1 जुलाई को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर पहला भाषण दिया। उन्होंने भगवान शिव और गुरुनानक की फोटो दिखाते हुए स्पीच की शुरुआत की। राहुल ने 90 मिनट भाषण दिया।
राहुल के स्पीच शुरू करने से पहले स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें टोका। बिरला ने कहा कि आपके सदस्यगण 353 का नियम बता रहे थे। आपने कहा कि सदन नियम प्रक्रिया से चलना चाहिए। नियम के अनुसार, किसी भी चिह्न या प्लेकार्ड को सदन में नहीं दिखाना चाहिए।
इस पर राहुल ने कहा कि क्या हाउस (सदन) में भगवान शिव की तस्वीर दिखाना मना है? यहां दूसरी चीजों के चित्र दिखाए जा सकते हैं, लेकिन शिव जी का चित्र नहीं दिखाया जा सकता। अगर मैं कह रहा हूं कि हमें इनसे प्रोटेक्शन मिला, अगर मैं समझाना चाह रहा हूं कि कैसे प्रोटेक्शन मिला तो मुझे चित्र नहीं दिखाने दिया जा रहा। इसके बाद मेरे पास और भी चित्र हैं। मैं सब दिखाना चाहता था। स्पीकर सर, ये चित्र पूरे हिंदुस्तान के दिल में हैं। पूरा हिंदुस्तान, इसे जानता है, समझता है।
राहुल ने शोर-शराबे के बीच तेज आवाज में कहा कि नरेंद्र मोदी जी पूरा हिंदू समाज नहीं है। बीजेपी पूरा हिंदू समाज नहीं है। RSS पूरा हिंदू समाज नहीं है। ये ठेका नहीं है बीजेपी का। जो लोग अपने आपको हिंदू कहते हैं, वे चौबीसों घंटे हिंसा करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खड़े होकर इसका विरोध किया। अमित शाह ने माफी मांगने की मांग की।
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राहुल गांधी ने भगवान शिव को अपने लिए प्रेरणा बताते हुए कहा कि उनसे विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष की प्रेरणा मिली। उनके बाएं हाथ में त्रिशूल का मतलब अहिंसा है। हमने बिना किसी हिंसा के सच की रक्षा की है। बीजेपी को निशाने पर लेते हुए राहुल गांधी ने कहा कि उनके लिए सिर्फ सत्ता मायने रखती है।
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