UP Kanwar Yatra Nameplate Controversy
यूपी में कांवड़ रास्तों पर पड़ने वाली दुकानों में दुकानदार को अपना नाम लिखना होगा। इसमें दुकान मालिक का नाम और डिटेल लिखी जाएगी। शुक्रवार को सीएम योगी ने यह आदेश दिया।
सरकार का कहना है कि कांवड़ यात्रियों की शुचिता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया है। इसके अलावा, हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचने वालों पर भी कार्रवाई होगी। यूपी में 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हो रही है। हर साल 4 करोड़ कांवड़िए जल लेकर हरिद्वार जाते हैं।
यूपी में मुजफ्फरनगर पुलिस ने सबसे पहले दुकानों के बाहर दुकानदारों को अपना नाम लिखने का आदेश दिया था। पुलिस का तर्क था कि इससे कांवड़ यात्रियों में कंफ्यूजन नहीं होगा। मतलब, दुकानदार का धर्म पता चल सकेगा।
मुजफ्फरनगर पुलिस के आदेश पर देशभर में प्रतिक्रिया आई। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पुलिस के इस फैसले को सामाजिक अपराध बताया था। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तानाशाह फैसला बताया था। वहीं, गीतकार जावेद अख्तर ने इस फैसले की तुलना जर्मनी के नाजी शासन से की थी।
मुजफ्फरनगर पुलिस के इस आदेश के बाद शहर में कई दुकानदारों ने अपनी दुकानों के बाहर नाम लिखवा लिए थे। फिलहाल, अब मुजफ्फरनगर पुलिस के आदेश पर यूपी सरकार ने भी मुहर लगा दी है।
बघरा के योग साधना केंद्र के संस्थापक स्वामी यशवीर आश्रम महाराज ने चेतावनी दी थी कि कांवड़ रास्ते पर पड़ने वाले मुस्लिम होटल संचालक अपना नाम नहीं लिखेंगे तो आंदोलन छेड़ देंगे।
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उन्होंने आरोप लगाया कि मुसलमानों ने हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर होटल खोले हैं। इससे श्रद्धालु भ्रमित हो जाते हैं। पुलिस जांच में ऐसे 8 होटल मिले, जो मुसलमानों के थे, लेकिन होटलों के नाम हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर रखे गए थे।
इसके बाद SSP अभिषेक सिंह ने अपील की कि अपने होटल का नाम बदल लें और वहां काम करने वालों के नाम बोर्ड पर लिखवा दें।
UP Kanwar Yatra Nameplate Controversy