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पंजाब फायर एंड इमरजेंसी सर्विस बिल पास, 60 किलो वजन उठाने की शर्त हटाई

Third Day Of Monsoon Session

पंजाब विधानसभा के मानसून सेशन में पंजाब फायर एंड इमरजेंसी सर्विस बिल सर्वसम्मति से पास किया गया है। CM भगवंत मान ने इस मुद्दे पर अपनी राय सदन में रखी। उन्होंने कहा कि पंजाब फायर एंड इमरजेंसी संशोधन बिल बहुत जरूरी थी। क्योंकि सालों से नियम नहीं बदले थे, जिस वजह से दिक्कत आ रही थी।

CM ने कि कहा कि कुछ दिन पहले उनसे डेराबस्सी में कुछ लड़कियां मिली थी। उनका कहना था कि रिटन टेस्ट पास कर लिया है। लेकिन फिजिकल में दिक्कत आई है। क्योंकि वहां पर नियम था कि 60 किलोग्राम की बोरी उठाकर लड़के और लड़कियों को चलना होगा। इस वजह से वह भर्ती नहीं हो पा रही है। ऐसे में लड़कियों के नियम बदल जाए। वह भी इस चीज को जानकर हैरान रह गए थे। अब लड़कियों के लिए वजन की की शर्त 60 किलोग्राम की जगह 40 किलोग्राम करने जा रहे हैं। साथ ही पंजाब पहला राज्य बनेगा, जहां पर लड़कियों को फायर सर्विस का मौका देंगे। उन्होंने कहा कि फाइलों पर मिट्‌टी झाड़ने की जरूरत है। वहीं, फायर ब्रिग्रेड को न्यूयार्क की तर्ज गाड़ियां व उपकरण दिए गए हैं।

सीएम ने कहा DAP से जुड़े मामले में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्‌डा से उनकी फोन पर हुई थी । उन्होंने केद्रीय मंत्री को कहा था कि पंजाब सेंट्रल पूल में 120 लाख मीट्रिक टन दे रहा है। लेकिन अभी तक उन्हें डीएपी का बनता कोटा नहीं दिया। सीएम ने कहा कि नड्‌डा ने कहा था कि आप अपने अफसर दिल्ली भेज दो । पंजाब का कोटा पूरा दिया जाएगा। इसके बाद हमारे अफसर वहां गए थे। वहीं, उन्होंने विधायक संदीप जाखड़ को कहा कि आप यह चीज खुद और अपने चाचा को भी बता देना। क्योंकि अधूरा नॉलेज खतरनाक होता है।

Third Day Of Monsoon Session

सीएम ने कहा कि पंजाब की खेती पॉलिसी तैयार है। जल्दी ही शेयर होल्डर से मीटिंग करेंगे। साथ ही जैसे ही इंडस्ट्रियल पॉलिसी लागू की थी, वैसे ही उसे लागू किया जाएगा। किसानों से इस बारे में राय ली जाएगी। उन्होंने कहा कि वह मोदी सरकार का उदाहरण देते हैं। उन्होंने तीन कानून बना दिए। लेकिन बाद में कानून वापस लेने पड़े। क्योंकि जिन के लिए कानून बनाए थे, उनसे चर्चा नहीं की गई। अफसरों ने नीति बनाई थी। अगर चर्चा की होती तो हरसिमरत की कुर्सी बच जाती।
जल्दी ही इंडस्ट्रियल एडवाइजरी बोर्ड बनाने जा रहे है। इसमें सारे माहिर लोग शामिल किए जाएंगे। यह अलग-अलग क्षेत्रों के लोग रहेंगे। वहीं, सरकार उसके चेयरमैन को कैबिनेट पद देगी।

सीएम ने कहा कि पंजाब में जल्दी ही पंचायत चुनाव करवाएं जाएंगे। उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश है कि गांवों का सरपंच पार्टी का नहीं गांवों का हो। वहीं, 2018 में किसी भी व्यक्ति ने पार्टी निशान पर चुनाव नहीं लड़ा है। उन्होंने कहा इसके चलते इस नियम में संशोधन किया जाएगा। जो गांव सर्वसम्मति से पंचायत चुनेंगे, उसे पांच लाख का इनाम दिया जाएगा। इसके अलावा स्टेडियम समेत अन्य सुविधाएं दी जएगी। उन्होंने उल्लू और हंस की कहानी सुनाकर पंचायत चुनाव का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव सर्वसम्मति से होते हैं तो लोगों के पैसे बचेंगे। आजकल तो 40-40 लाख खर्च सरपंची पर आ जाता है।

सीएम ने कहा कि बेअदबी केस को लेकर हमारी सरकार गंभीर है। हमारी तरफ से इस केस को अच्छे तरीके से कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। हमारे पास कुछ नए तथ्य आए है। अदालत में केस को मजबूती से पेश करेंगे। इस मौके उनके साथ सदन में एडवोकेट जनरल भी सदन में पहुंचे हुए थे।

अमृतसर के विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह ने सदन में किसानों के संघर्ष और बेअदबी के मुद्दे को उठाया है। उन्होंने कहा कि हमारे किसान प्रोटेस्ट कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने दिल्ली में संघर्ष किया किया था। वहीं, अब किसानों को शंभू बॉर्डर पर रोक दिया गया है। मैं आपसे विनती करता हू कि किसानों और बरगाड़ी के मुद्दे पर स्पेशल सीटिंग रख ली जाए। एक दिन सेशन बढ़ा दिया जाए।

एमएसपी के मुद्दे पर इलैक्शन के दौरान हमने वायदे किए थे कि कानून बनवाएंगे। मैं यही विनती करूंगा कि एमएसपी पर कानून बनाया जाए। मुझे नहीं लगता है कि कोई उस कानून के खिलाफ होगा। क्योंकि केंद्र और राज्य सरकार आम जनता ही चुनती है। वहीं बैठकर फैसला हो जाएगा कि कितना पैसा केंद्र और सरकार देगी। वहीं, कृषि स्टेट लिस्ट में आती है। विधानसभा कानून बनाने में सक्षम है। फिर उन्होंने बेअदबी के मामले को विस्तार से बताया। साथ ही अपनी जांच के बारे में बताया। अफसरों की भूमिका पर प्रकाश डाला। वहीं उन्होंने अपनी, एसजीपीसी और सरकार भूमिका बारे में बताया। साथ ही उस समय की सरकार व अन्य चीजों के बारे में बताया।

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कांग्रेस विधायक नरेश पुरी ने विधानसभा की दीवार पर बने स्वास्तिक निशान का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सदन में यह बना है, काफी अच्छी चीज है। लेकिन जब जाते है तो यह पैरो के नीचे आता है। इससे उसका अपमान होता है। वह सनातनी है। वहीं, इस पर स्पीकर ने कहा कि यह मामला उनके ध्यान में है। इस मामले को लेकर चंडीगढ़ प्रशासन से संपर्क किया गया था। वहीं प्रशासन का कहना है कि इस इमारत को हेरिटेज बिल्डिंग घोषित किया गया है। ऐसे में इसे हटाने में दिक्कत आ रही है। वहीं, उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर आगे बात करेंगे।

विधानसभा में आरडीएफ का मामला उठा है। विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि जिस मंच पर सीएम को यह मुद्दा उठाना होता है। वह नीति आयोग आयोग है। लेकिन सीएम साहब इसकी मीटिंग में नहीं जाते है। वहां से कोई पैसे नहीं मिलता, तो कोई अन्य तरीके से पैसे लेकर काम किया जाना चाहिए। जैसे नाबार्ड बैंक प्रमुख है।

पंचायत मंत्री गुरमीत सिंह ने कहा कि जल्दी ही RDF की राशि जारी होगी, साथ ही ग्रामीण एरिया की सड़कें बना दी जाएगी। वहीं, विधायक हरमीत सिंह पठानमाजरा ने जमीनों के इंतकाल में हो रही देरी का मामला उठाया। इस पर राजस्व मंत्री ब्रह्म शंकर जिंपा ने कहा कि सरकार ने दो दिन के स्पेशल कैंप लगाकर 85 हजार इंतकाल किए गए हैं। वहीं, जो भी इंतकाल शेष रहते हैं। उन्हें पहल के आधार पर दूर किया जाएगा।

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विधानसभा में आरडीएफ का मामला उठा है। विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बावजा ने कहा कि जिस मंच पर सीएम को यह मुद्दा उठाना होता है। वह नीति आयोग आयोग है। लेकिन सीएम साहब इसकी मीटिंग में नहीं जाते है। वहां से कोई पैसे नहीं मिलता, तो कोई अन्य तरीके से पैसे लेकर काम किया जाना चाहिए। जैसे नाबार्ड बैंक प्रमुख है।

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प्रताप सिंह बाजवा ने शून्य काल में कोटकपूरा के ASI बोहड़ के के भ्रष्टाचार से जुडे़ मामले को उठाया। उन्होंने स्पीकर से कहा कि आपने सारे विधायकों की सहमति से DGP से इस बारे में रिपोर्ट मांगी थी। लेकिन अब आपने होम सेक्रेटरी से सारे स्टाफ से रिपोर्ट मांग ली है। जबकि आप हाउस की सहमति के बिना ऐसा नहीं कर सकते है।

डीजीपी हाउस में नहीं आए। इस पर विधानसभा स्पीकर ने कहा कि इस तरह के एलिमेंट के पीछे माफिया होती है। सदन में ही एक दो साथियों ने कहा था कि इस मामले की सारे विभागों से रिपोर्ट मुहैया ली जाए। वहीं, इस से मैसेज चला जाएगा कि हम करप्शन के खिलाफ है।

वहीं, स्पीकर ने कहा कि बोहड़ ने अकाली दल की सरकार के समय 50 हजार रिश्वत ली, फिर कांग्रेस के समय 50 हजार लिए थे। इस सरकार के समय में तो बोहड़ सिंह पर एफआई दर्ज हुए है।

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