Shiromani Akali Dal Working Committee
पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने राज्य की चार सीटों पर होने जा रहे विधानसभा उपचुनाव में कैंडिडेट्स नहीं उतारने का फैसला किया है। यह फैसला आज चंडीगढ़ में हुई पार्टी की कार्यसमिति और जिला प्रधानों की बैठक में लिया गया। पंजाब में वर्ष 1992 के बाद यह पहला मौका है जब अकाली दल ने राज्य में होने जा रहा कोई इलेक्शन नहीं लड़ने का फैसला किया है। पार्टी के इस फैसले की वजह पंथक संकट है।
चंडीगढ़ में तकरीबन दो घंटे चली बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने इसका ऐलान किया। चीमा ने कहा कि अकाल तख्त साहिब ने 30 अगस्त को अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल को तनखैया घोषित किया। अकाल तख्त के जत्थेदार ने सुखबीर की पेंडिंग सजा पर फैसला दिवाली के बाद करने की बात कही है।
चीमा के अनुसार, अकाली दल हमेशा अकाल तख्त के आदेशों का पालन करता है। पार्टी ने आमराय से फैसला किया है कि वह अकाल तख्त साहिब के फैसले से आगे नहीं जाएगी और चुनाव से बाहर रहेगी।
चीमा ने कहा कि अकाली दल शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के प्रधान पद के लिए होने वाले चुनाव में हिस्सा लेगा। इसके साथ ही पार्टी ने SGPC प्रधान पद के लिए हरजिंदर सिंह धामी को चौथी बार अपना उमीदवार भी घोषित कर दिया। धामी वर्ष 2021 से SGPC के प्रधान हैं।
अकाल तख्त साहिब ने 30 अगस्त 2024 को कहा था कि वर्ष 2007 से 2017 के बीच पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल की अगुवाई वाली अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुई गलतियों और बजर गुनाहों के लिए जब तक सुखबीर बादल अकाल तख्त साहिब पर पेश होकर सिख पंथ से सार्वजनिक तौर से माफी नहीं मांगते, तब तक वह तनखैया घोषित रहेंगे।
अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह यह भी साफ कर चुके हैं कि तनखैया तब तक तनखैया ही रहता है, जब तक उसकी तनखा (सजा) पूरा नहीं हो जाती। सुखबीर बादल की सजा पर फैसला दिवाली के बाद लिया जाएगा। अकाल तख्त जत्थेदार के इस फैसले से साफ हो गया कि सुखबीर बादल न तो चुनाव लड़ सकते हैं और न ही प्रचार कर सकते हैं।
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चीमा ने कहा कि अब चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। पंजाब के लोग चाहते थे कि सुखबीर बादल गिद्दड़बाहा सीट से उपचुनाव लड़ें लेकिन जत्थेदार साहब के आदेश से साफ हो गया है कि वह प्रचार नहीं कर सकते।इससे पहले अकाली दल कार्यसमिति की मीटिंग की अध्यक्षता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ ने की। बैठक में पार्टी के जिला प्रधान पहुंचे थे। मीटिंग में हर मेंबर से राय ली गई और उसके बाद सर्वसम्मति से उपचुनाव नहीं लड़ने का प्रस्ताव पास किया गया।मीटिंग से पहले अकाली नेता विरनजीत सिंह गोल्डी ने कहा कि अगर सुखबीर को प्रचार का हक ही नहीं होगा तो पार्टी के वर्कर इलाके में कैसे जाएंगे? ऐसी स्थिति में चुनाव में नहीं जाना चाहिए।
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