Amritsar Police Raid Fake License
अमृतसर में पुलिस ने फर्जी हथियारों का लाइसेंस देने वाले और अवैध हथियारों की तस्करी करने वाले 8 लोगों के गैंग को दबोचा है। पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ लोग शहर में फर्जी हथियारों के लाइसेंस का इस्तेमाल करके हथियार रख रहे हैं।
पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने इस गिरोह का भंडाफोड़ करने पर अमृतसर पुलिस को बधाई दी। पुलिस ने 6 फर्जी हथियार लाइसेंस और आधार कार्ड, 7 पिस्तौल, रिवॉल्वर, डबल बैरल राइफल और फर्जी दस्तावेज बरामद किए हैं। पुलिस ने अभी तक आरोपियों की पहचान सार्वजनिक नहीं की है। पुलिस आरोपियों से लगातार पूछताछ कर रही है।
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जानकारी देते हुए पुलिस कमिश्नर IPS रणजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि सभी फर्जी लाइसेंस तरनतारन में बने है। अमृतसर के रहने वाले युवकों ने तरनतारन के रहने वाले युवकों के साथ मिलकर फेक लाइसेंस बनवाए। सेवा केंद्र का जिला मैनेजर और एक सहायक कर्मचारी की मिलीभगत से जाली आधार कार्ड तैयार करके फेक आर्म्स लाइसेंस बनाए गए हैं। अभी फिलहाल जाली 6 लाइसेंस पुलिस ने बरामद किए हैं।
कुल 8 आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा है। जिनमें 6 आरोपी लाइसेंस होल्डर है। आरोपी बलजीत का प्राइवेट साइबर कैफे है। बलजीत आर्म्स लाइसेंस के फर्जी डॉक्यूमेंट तैयार करता था। हरपाल सिंह नाम का व्यक्ति सेवा केन्द्र का कर्मचारी है जो 2018 से तरनतारन में काम कर रहा है।
मैनेजर सूरज भंडारी इस गैंग का किंगपिंन है, जिसे नामजद कर लिया है। आरोपी की जल्द गिरफ्तारी हो जाएगी। घटना की अभी जांच चल रही है। आने वाले दिनों में कई अहम खुलासे होगे। आरोपियों ने हथियारों का इस्तेमाल कहां करना था यह भी जांच का विषय बना हुई है। आरोपियों को अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड लिया जाएगा।
उधर, डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि गिरफ्तार किए गए गिरोह के सदस्यों में तरनतारन सेवा केंद्र का कर्मचारी हरपाल सिंह और फोटोस्टेट दुकान का मालिक बलजीत सिंह शामिल है, जिन्होंने आधार कार्ड और हथियार लाइसेंस प्रोफार्मा सहित आवश्यक पहचान प्रमाणों से छेड़छाड़ करने के पीछे अपना दिमाग होने की बात स्वीकार किया है।
उन्होंने बताया कि पुलिस टीमों ने एक लैपटॉप भी बरामद किया है जिसमें विभिन्न दस्तावेजों से छेड़छाड़ के लिए इस्तेमाल किए गए ऑनलाइन ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर का विवरण था।
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