पंजाब में अकाली दल की मेंबरशिप मुहिम हुई शुरू ,सुखबीर बादल बने मेंबर
Shiromani Akali Dal Parliamentary Board Meeting शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नए प्रधान का चुनाव एक मार्च को होना है। इसके लिए आज (20 जनवरी) से देशभर में पार्टी का सदस्यता अभियान शुरू हो गया। सबसे पहले सुखबीर बादल ने मेंबरशिप ली है। उन्होंने खुद फार्म भरा है। अपने पैतृक गांव बादल में मेंबरशिप फार्म […]
Shiromani Akali Dal Parliamentary Board Meeting
शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नए प्रधान का चुनाव एक मार्च को होना है। इसके लिए आज (20 जनवरी) से देशभर में पार्टी का सदस्यता अभियान शुरू हो गया। सबसे पहले सुखबीर बादल ने मेंबरशिप ली है। उन्होंने खुद फार्म भरा है। अपने पैतृक गांव बादल में मेंबरशिप फार्म भरा है। यह मुहिम 25 फरवरी तक चलेगी। 50 लाख का टारगेट रखा गया है।
थोड़ी देर बाद शिरोमणि अकाली दल के संसदीय बोर्ड की मीटिंग होगी। मीटिंग कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ की अगुवाई में होगी। बैठक की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उधर, हरियाणा सिख प्रबंधक गुरुद्वारा कमेटी के चुनाव में भी पार्टी और उसके सहयोगी दलों की जीत पर बादल ने खुशी जताई है। दूसरी तरफ अकाली दल सुधार लहर के नेताओं ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार से मुलाकात की है। इस पर शिअद नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने बडाला समेत सभी नेताओं को सहयोग करना चाहिए। उन्हें भी जिद भी छोड़ देनी चाहिए। मेंबरशिप मुहिम शामिल होना चाहिए। तीन चार लोगों पर डिसप्लेनरी एक्शन हुआ था। वह अनुशासनी कमेटी के समक्ष पेश हो। ताकि इस मामले को निपटाया जा सकें।
कुछ दिन पहले ही अकाल तख्त ने सुखबीर बादल को धार्मिक सजा सुनाई थी। उन पर मुख्य रूप से 3 आरोप थे। पहला आरोप सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को बेअदबी मामले में माफ करने का था।
इसके अलावा उन पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी को न रोक पाने और सरकार में रहते हुए भी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई न करने का आरोप था। इस सजा से पहले ही सुखबीर बादल ने प्रधान पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद अब यह मुहिम शुरू होने जा रही है।
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शिअद का सदस्यता अभियान 20 जनवरी से 25 मार्च तक चलेगा। इसका लक्ष्य 25 लाख सदस्य बनाना है। इसके लिए सभी हलकों में प्रभारियों की ड्यूटी लगाई गई है। नए प्रधान का चुनाव 1 मार्च को होगा, क्योंकि सुखबीर सिंह बादल के इस्तीफे के बाद यह सीट खाली हो गई है।
शिरोमणि अकाली दल का गठन 14 दिसंबर 1920 को हुआ था। तब से अब तक पार्टी के 20 मुखिया बन चुके हैं। हालांकि, 1995 में प्रकाश सिंह बादल ने पार्टी की कमान संभाली तो वे 2008 तक इस पद पर बने रहे।
उसके बाद सुखबीर बादल को मुखिया बनाया गया। 16 नवंबर 2024 को सुखबीर बादल ने इस्तीफा दे दिया। अब 30 साल बाद ऐसा मौका आ रहा है कि बादल परिवार की जगह कोई और अकाली दल का मुखिया बन सकता है।
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