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खालिस्तान समर्थक और वारिस पंजाब दे मुखी अमृतपाल सिंह जेल में बंद रहते हुए भी लोकसभा चुनाव लड़ेगा। उसकी मां बलविंदर कौर ने अमृतसर के हैरिटेज स्ट्रीट पर चल रहे मोर्चे में ये बात कही है। अमृतपाल सिंह की मां बलविंदर कौर ने बताया कि जेल से अकेले ही चुनाव लड़ेंगे। इतना ही नहीं, वे किसी पार्टी के साथ नहीं जुड़ेंगे और आजाद ही चुनाव लड़ेंगे।
बलविंदर कौर ने बताया कि पंजाब में नशे के मुद्दे को लेकर शुरू हुई जंग वे जारी रहेगी। उन्होंने जानकारी दी कि अमृपताल सिंह चुनाव लड़ना नहीं चाहता था। लेकिन संगत ने उसे चुनाव लड़ने के लिए कहा। जिसके बाद वे चुनाव लड़ने के लिए माना है। संगत चाहती है कि अमृतपाल सिंह चुनाव लड़ कर जीते और उस पर NSA लगाए गए आरोपों को खत्म करवाए।
अमृतपाल सिंह की मां ने कहा कि संगत की मांग के अनुसार, मौजूदा परिस्थितियों ने हमें अपनी रणनीति बदलने पर मजबूर कर दिया। सरकार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए चुनाव का रास्ता अपनाने का निर्णय लिया गया।
चुनावी एजेंडे पर उन्होंने कहा कि यह सिख युवाओं पर ‘अत्याचार’ को रोकने, राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) को खत्म करने और ‘बंदी सिंहों’ की रिहाई पर केंद्रित होगा।
उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई उस सरकार के खिलाफ होगी जो सिख युवाओं को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत सलाखों के पीछे डाल रही है। जेल में उनसे मिलने जाने वाले परिजनों को परेशान कर रही है और नशे के खिलाफ भी है। चुनाव प्रचार के बारे में उन्होंने कहा कि भगवान के आशीर्वाद और संगत के समर्थन से इसकी रूपरेखा तैयार की जाएगी।
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अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने कहा कि वे दोषी नहीं है, बल्कि विचाराधीन कैदी है। यह उन्हें चुनाव लड़ने से नहीं रोकता। चुनाव लड़ना उनका अधिकार है। इसके लिए वे जेल में रहते हुए भी अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं। वहीं, अमृतपाल सिंह के चुनाव लड़ने के लिए मानने पर उसके समर्थकों ने लड्डू भी बांटे।
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