Corporation Officials Committed Scam
हरियाणा के पानीपत नगर निगम का एक और बड़े गबन का पर्दाफ़ाश हुआ है। इस बार गबन में XEN, JE और ME फंसे हैं। अधिकारियों ने एक ठेकेदार के साथ मिलीभगत कर अधूरे निर्माण कार्य को पूरा दिखा कर पेमेंट कर दी। 2 साल बाद मामले का खुलासा हुआ। जिसकी जांच CM फ्लाइंग टीम द्वारा की गई।
पूरी जांच-पड़ताल के बाद मामले की शिकायत पुलिस को दी गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपी XEN नवीन कुमार, ME अजीत कुमार और JE मनोज कुमार के अलावा ठेकेदार दिलावर सिंह के खिलाफ धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120 बी के तहत केस दर्ज कर लिया है।
किला थाना पुलिस को सीएम फ्लाइंग के SI राज सिंह ने जांच-पड़ताल के बाद शिकायत दी है। जिसमें कहा कि साल 2021 में कोचर स्वीटस से शिव चौक पुजारा स्वीटस वार्ड नंबर 8 में गंदे पानी की निकासी के लिए नाला निर्माण का कार्य 86.11 लाख रुपए में दी अमृत को-ओपरेटिव एल एंड सी सोसाइटी लिमिटेड बुआना लाखु जिला पानीपत के नाम नगर निगम पानीपत द्वारा छोडा गया था। इस फर्म का मालिक दिलावर सिंह मलिक है।
यह काम अभी तक अधूरा पड़ा है। जबकि ठेकेदार दिलावर मलिक ने नगर निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों से मिलीभगत कर 21 फरवरी 2022 को 54.81 लाख और 16 मार्च 2022 को 21.86 लाख रुपए प्राप्त कर लिए।
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मालिक दिलावर सिंह मलिक ने बताया कि जांच के दौरान उपरोक्त निर्माण कार्य से संबंधित रिकार्ड प्राप्त किया गया। जिस रिकॉर्ड की उपरोक्त निर्माण कार्य की भौतिक जांच प्रवीण छिक्कारा, उपमण्डल अभियंता व तरूण कुमार कनिष्ठ अभियंता लोक निर्माण विभाग पानीपत द्वारा करवाई गई।
भौतिक जांच में JE मनोज कुमार और ठेकेदार दिलावर सिंह की मौजूदगी में नगर निगम पानीपत द्वारा भरी हुई मापक पुस्तिका अनुसार की गई। जिस रिपोर्ट के आधार पर पाया गया कि नगर निगम के अधिकारियों द्वारा 1284.7 मीटर लंबाई निर्माण कार्य का एस्टिमेट स्वीकृत किया गया है।
जबकि मौका पर टीम द्वारा मापने पर केवल 892 मीटर क्षेत्र मिला। जिसमें से 372 मीटर क्षेत्र का ही कार्य निर्माण किया गया है और ठेका कंपनी को 1290 मीटर कार्य निर्माण की झूठी मापक पुस्तिका तैयार करके पेमेंट कर दी गई।
नगर निगम पानीपत के अधिकारी XEN नवीन कुमार, ME अजीत कुमार और JE मनोज कुमार के अलावा ठेकेदार दिलावर सिंह ने आपसी मिलीभगत से मौका पर मौजूद निर्माण कार्य से 918 मीटर अधिक क्षेत्र के निर्माण कार्य की झूठी मापक पुस्तिका तैयार करके फर्जी बिल बनाकर 45 लाख रुपए अदा कर नगर निगम की सरकारी राशि का गबन किया गया है।
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