Sunday, September 8, 2024
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Explainer: क्या है, कैसे काम करती Ethics Committee, जिसकी सिफारिश पर रद्द हुई महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता

Lok Sabha Ethics Committee Explainer

तृणमूल कांग्रेस की सांसद Mahua Moitra की लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है। कैश फॉर क्वेरी मामले में कार्रवाई हुई और लोकसभा से Mahua Moitra को निष्कासित कर दिया गया। मामले में आज लोकसभा की Ethics Committee ने आज लोकसभा सदन में मामले की रिपोर्ट पेश की, जिसमें Mahua Moitra की सदस्यता रद्द करने और मामले की गहन जांच कराने की सिफारिश की गई थी। रिपोर्ट पढ़ने के बाद एक्शन लेते हुए स्पीकर ओम बिड़ला ने Mahua Moitra की सदस्यता रद्द करने का फैसला सुना दिया। वहीं रिपोर्ट पेश होने के बाद केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने चर्चा के लिए प्रस्ताव रखा। फैसले का विरोध करते हुए विपक्षियों ने वॉकआउट किया, लेकिन क्या आप उस Ethics Committee को बारे में जानते हैं, जिस पर Mahua Moitra ने वस्त्रहरण के आरोप लगाए और जिसकी सिफारिश पर Mahua Moitra की लोकसभा सदस्यता रद्द हुई।

क्या है Ethics Committee और कौन हैं इसके मेंबर?

लोकसभा सांसदों के नैतिक आचरण और व्यवहार की निगरानी करने के लिए Ethics Committee बनाई गई है। इस कमेटी का काम किसी सांसद पर लगे आरोपों की जांच करना है। स्पीकर द्वारा सांसद के खिलाफ मिली शिकायतें इस कमेटी को दी जाती हैं। यह कमेटी मामले की जांच करके अपनी रिपोर्ट पेश करती है। रिपोर्ट में की गई सिफारिशों के आधार पर लोकसभा अध्यक्ष आरोपी सांसद के खिलाफ कार्रवाई करते हैं। यह कमेटी 2015 में बनाई गई थी। इसे लोकसभा का स्थायी हिस्सा बनाया गया है। इसकी अवधि एक साल के लिए होती है और इसमें 15 मेंबर होते हैं। मेंबर्स की नियुक्ति लोकसभा अध्यक्ष करते हैं। इस समय कौशांबी से भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर कमेटी के अध्यक्ष हैं। भाजपा के विष्णु दत्त शर्मा, सुमेधानंद सरस्वती, अपराजिता सारंगी, डॉ. राजदीप रॉय, सुनीता दुग्गल और सुभाष भामरे, कांग्रेस के वी वैथिलिंगम, एन उत्तम कुमार रेड्डी, बालाशोवरी वल्लभनेनी, और परनीत कौर; शिवसेना के हेमंत गोडसे; जद (यू) के गिरिधारी यादव; CPI (M) के पीआर नटराजन और BSP के दानिश अली कमेटी के मेंबर हैं।

क्या है Mahua Moitra विवाद?

14 अक्टूबर: कारोबारी जय अनंत देहाद्राई ने भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाते हुए महुआ के खिलाफ CBI केस दर्ज कराया।
15 अक्टूबर: BJP सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से महुआ मोइत्रा को संसद से सस्पेंड करने की मांग की।
17 अक्टूबर: लोकसभा स्पीकर ने एथिक्स कमेटी को शिकायत भेजी। महुआ ने दिल्ली HC में मानहानि की याचिका दायर की।

18 अक्टूबर: लोकसभा ने निशिकांत दुबे को नोटिस जारी करके 26 अक्टूबर को पेश होने के लिए कहा।
19 अक्टूबर: बिजनेसमैन दर्शन हिरानंदानी ने एफिडेविट में कहा कि महुआ ने उन्हें अपना पार्लियामेंट्री लॉगिन ID दिया था।
20 अक्टूबर: महुआ का आरोप- दर्शन ने सिर पर बंदूक रखकर एफिडेविट साइन करवाए। मानहानि मामले में दिल्ली HC में सुनवाई।

21 अक्टूबर: निशिकांत दुबे का दावा- महुआ की संसदीय ID दुबई में खोली गई, जबकि वह खुद भारत में थीं।
27 अक्टूबर: महुआ ने एक इंटरव्यू में माना कि उन्होंने दर्शन से गिफ्ट्स लिए और उन्हें संसदीय लॉगिन-पासवर्ड दिए।
28 अक्टूबर: कैश फॉर क्वेरी केस में एथिक्स कमेटी ने महुआ को 2 नवंबर को पेश होने का निर्देश दिया।

31 अक्टूबर: महुआ का आरोप- मुझे फोन-ईमेल पर Apple की ओर से अलर्ट आया है। केंद्र सरकार फोन हैकिंग की कोशिश कर रही है।
2 नवंबर: महुआ एथिक्स कमेटी के ऑफिस से नाराज होकर बाहर निकली। उन्होंने अपमानजनक सवाल पूछने का आरोप लगाया।
2 नवंबर: एथिक्स कमेटी ने महुआ से सवाल पूछे। TMC सांसद ने कमेटी अध्यक्ष पर आपत्तिजनक सवाल पूछने का आरोप लगाया।

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9 नवंबर: एक बैठक में एथिक्स कमेटी ने महुआ के खिलाफ रिपोर्ट तैयार की। कमेटी के छह सदस्यों ने रिपोर्ट के पक्ष में मतदान किया।
10 नवंबर: एथिक्स कमेटी ने सिफारिश की है। लोकसभा अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट भेजी। कमेटी ने संसद से महुआ के निष्कासन की
8 दिसंबर : एथिक्स कमेटी के चेयरमैन विजय सोनकर ने लोकसभा में महुआ पर रिपोर्ट पेश की।

Lok Sabha Ethics Committee Explainer

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