Haryana Lok Sabha Election
हरियाणा में भाजपा और जननायक जनता पार्टी (JJP) गठबंधन टूटने के बाद शुरू हुई उथल-पुथल अभी थमी नहीं है। हरियाणा के कुल चार विधायक अभी तक लोकसभा चुनाव में उतर चुके हैं। इनमें करनाल सीट से भाजपा का टिकट मिलने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल विधानसभा से इस्तीफा देकर अपनी सीट खाली कर चुके हैं। चुनाव आयोग उनकी सीट पर उपचुनाव का ऐलान कर चुका है।
चुनाव में उतरे बाकी तीन विधायकों में रणजीत चौटाला, मोहनलाल बड़ौली और अभय चौटाला शामिल हैं। 4 जून को आने वाले लोकसभा चुनाव नतीजों में अगर इन तीनों में से कोई जीता तो उसे विधानसभा सीट खाली करनी होगी। हालांकि हरियाणा विधानसभा के चुनाव में 6 महीने से भी कम समय शेष होने के कारण इलेक्शन कमीशन खाली होने वाली इनकी विधानसभा सीटों पर उपचुनाव नहीं करवाएगा।
मनोहर लाल के बाद भाजपा ने 2 और विधायकों को लोकसभा चुनाव में उतारा है। कैबिनेट मंत्री रणजीत चौटाला को हिसार संसदीय सीट से टिकट दी गई है। वह 2019 में सिरसा जिले की रानियां सीट से निर्दलीय चुनाव जीते थे। हिसार लोकसभा सीट से भाजपा का टिकट घोषित होने से कुछ देर पहले ही वह BJP में शामिल हुए।
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इसी तरह सोनीपत लोकसभा सीट से राई के भाजपा विधायक मोहन लाल बड़ौली को टिकट दिया गया है। बड़ौली सांसद बने तो राई सीट खाली हो जाएगी। वहीं कुरुक्षेत्र संसदीय सीट से इनेलो के टिकट पर अभय सिंह चौटाला खुद चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं।
रणजीत चौटाला 2019 में सिरसा की रानियां विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक बने। तभी से वह कैबिनेट में मंत्री हैं। कांग्रेस से टिकट कटने पर वे निर्दलीय मैदान में उतरे और हरियाणा लोकहित पार्टी के गोविंद कांडा को 19,431 वोट से हराया था।
मुख्यमंत्री नायब सैनी की कैबिनेट में शामिल होने वाले एकमात्र निर्दलीय विधायक हैं। रणजीत चौटाला की किसानों और जाटों के वोट बैंक पर मजबूत पकड़ है। ठीक लोकसभा चुनाव से पहले रणजीत को पार्टी में शामिल करके भाजपा जाट वोट बैंक को साधने की फिराक में है।
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