Congress MLA Sukpla Khaira
कांग्रेस विधायक सुखपाल खैहरा ने कपूरथला के भुलत्थ में आयोजित कार्यक्रम के दौरान अकाली दल लीडर बिक्रम मजीठिया का धन्यवाद किया। इतना ही नहीं, बातों-बातों में कांग्रेस की चन्नी सरकार के समय मजीठिया पर डाले गए केस को भी झूठा बता दिया। वहीं, अब मुख्यमंत्री भगवंत मान पर भी उन्हें जबरन फंसाने के आरोप लगाए हैं।
सुखपाल खैहरा ने रैली को संबोधित करते हुए कहा- बिक्रम मजीठिया का मेरे से कोई सरोकार नहीं, विरोधी पार्टी के हैं। बाहर आकर मीडिया में कहा कि भगवंत मान जो ये जुल्म तुम कर रहे हो, सिर्फ इसलिए कि सुखपाल खैहरा खिलाफ बोलता है। बिक्रम मजीठिया ने कहा, खैहरा के साथ जुल्म हुआ है। इसके लिए मैं बिक्रम मजीठिया का शुक्रिया अदा करता हूं।
शत-प्रतिशत कहता हूं, जिस तरह से धक्का मेरे साथ किया, झूठा पर्चा मेरे पर किया, मैं समझता हूं कि बिक्रम के साथ भी वही हो रहा है। कोई पॉलीटिकल लीडर नशा का व्यापारी नहीं है। हमारे साथ हजारों लोग चलते हैं, जो फंस जाते हैं। उनकी तस्वीरें हमारे साथ हो सकती हैं, फोन हमें आ जाते हैं। उसके लिए हमें गुनाहगार बना देते हैं।
मैं क्लीन चिट नहीं दे रहा। पर मुझे पक्का विश्वास है। अब भगवंत का पूरा जोर लगा हुआ है कि मजीठिया को किसी तरह फंसा दिया जाए। अगर, मजीठिया को ये पकड़ते हैं तो मैं उसके साथ डटकर खड़ा रहूंगा, मैं उसकी सपोर्ट करूंगा।
बिक्रम पर पर्चा बताया झूठा
सुखपाल खैहरा ने अपने भाषण में कहा कि जिस तरह झूठा पर्चा मेरे पर हुआ, वही मजीठिया के साथ भी हुआ। जबकि, बिक्रम मजीठिया पर जो पर्चा दर्ज किया गया था, वह कांग्रेस की चन्नी सरकार के समय किया गया था। इसी मामले को लेकर अब भगवंत मान सरकार की जांच कमेटी बिक्रम मजीठिया को पटियाला बुलाकर पूछताछ कर रही है।
चुनाव से ठीक पहले दर्ज हुआ था केस
2022 में विधानसभा चुनाव से ठीक तीन महीने पहले जब कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाकर चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया गया, तब मजीठिया पर 2018 की रिपोर्ट को आधार बनाकर स्टेट क्राइम ब्रांच में एनडीपीए एक्ट की धारा 25, 27ए और 29 के तहत केस दर्ज किया। 49 पेज की FIR में उन पर गंभीर आरोप लगाए गए थे।
उन्होंने केस दर्ज होने के बाद अमृतसर से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अभी वह 10 अगस्त, 2022 से जमानत पर चल रहे हैं।
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चुनाव के बाद किया था सरेंडर
बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ चरणजीत सिंह चन्नी के कार्यकाल में 20 दिसंबर 2021 में NDPS एक्ट में मोहाली में FIR दर्ज की गई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव लड़ने तक मजीठिया की गिरफ्तारी पर रोक लगा, उन्हें बड़ी राहत दी थी। मतदान के बाद 24 फरवरी को मजीठिया ने मोहाली की अदालत में सरेंडर किया था।
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