Paris Olympic Games Haryana Manu Bhaker
हरियाणा की शूटर मनु भाकर पेरिस ओलिंपिक में 25 मीटर विमेंस पिस्टल इवेंट के फाइनल मुकाबले में हार गई। वह चौथे नंबर पर रहीं। वह एक ओलिंपिक में मेडल की हैट्रिक लगाने से चूक गईं। इससे पहले वह 2 ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच चुकी हैं।
मनु भाकर ने कहा कि मैं फाइनल में नर्वस थी। मैंने अपना बेस्ट देने की कोशिश की। आज में कई दिन बाद लंच करूंगी। प्रैक्टिस के चलते उन्हें लंच नहीं मिलता था। अब तक का सफर काफी अच्छा रहा। मुझे सपोर्ट करने के लिए हर किसी का धन्यवाद।
उधर, मनु भाकर की जीत के लिए मां ने सुबह पूजा की थी। वहीं उनके ननिहाल में जश्न शुरू हो गया था।मनु से माता-पिता की रात को बात हुई थी। इस दौरान उन्होंने मनु से कहा था कि मन शांत करके मैच खेलना, जीत तुम्हारी ही होगी।
क्वालिफिकेशन में मनु दूसरे स्थान पर रहकर फाइनल में पहुंचीं। उन्होंने प्रिसीजन राउंड में 294 और रैपिड राउंड में 296 स्कोर किया। उनका कुल स्कोर 590 रहा। वे टॉप पर रहीं हंगरी की वेरोनिका मेजर (592) से सिर्फ दो अंक पीछे रहीं। 27 साल की वेरोनिका ने ओलिंपिक रिकॉर्ड बनाया। एक अन्य भारतीय एशा सिंह 581 स्कोर के साथ 18वें नंबर पर रहीं। क्वालिफिकेशन में 40 निशानेबाज उतरी थीं।
लगभग हर शॉट के बाद खुद को संयमित रखने की मनु भाकर की आदत उनके खेल दिनचर्या का हिस्सा है। इस बार मनु ने ओलिंपिक के लिए अपनी अंतिम तैयारियां भोपाल में की थीं। भोपाल में मनु का रूटीन सुबह पांच बजे शुरू होता। वे होटल में मेडिटेशन और नाश्ता करके सुबह करीब 8.50 पर रेंज में पहुंचती।
नौ बजे प्रैक्टिस शुरू करतीं, जो दोपहर एक बजे समाप्त होती। शूटिंग एकेडमी इंचार्ज सुनीता लाखन व कोच जयवर्धन सिंह चौहान के मुताबिक, “एक बार वे अपनी लेन में खड़ी हो जातीं तो उन्हें कोई चीज प्रभावित नहीं कर पाती थी।
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खराब शॉट पर कभी उन्हें निराश नहीं देखा तो परफेक्ट शॉट के बाद बहुत ज्यादा उत्साहित भी नहीं। बीच-बीच में कोच जसपाल राणा जरूर कुछ-कुछ समझाते। यह युवा खिलाड़ियों के लिए एक मैसेज था कि कैसे फोकस रहा जा सकता है।’
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