Saturday, September 21, 2024
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मेडिकल बोर्ड टीम ने सौंपी प्रितपाल की रिपोर्ट , ब्लंट फोर्स का प्रयोग कर किया घायल

 Pritpal Singh Medical Report 

पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर किसानों और अर्ध-सैनिक बल के बीच हुई झड़प में घायल प्रितपाल सिंह की मेडिकल रिपोर्ट को PGI चंडीगढ़ व रोहतक की मेडिकल बोर्ड टीम ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को सौंप दिया है। इस रिपोर्ट में मेडिकल बोर्ड ने फिजिकल टॉर्चर होने की बात कही है। जिसके बाद हाईकोर्ट ने भी सख्त कदम उठाते हुए प्रितपाल सिंह के बयान दर्ज करने की बात कही है।

दरअसल, 21 फरवरी को हुई घटना में घायल प्रितपाल सिंह के पिता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसकी सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने PGI चंडीगढ़ को मेडिकल रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। मेडिकल रिपोर्ट में डॉक्टर्स ने ब्लंट फोर्स (कुंद बल) का प्रयोग करने से इनकार नहीं किया है। जस्टिस हरकेश मनुजा की पीठ को सौंपी गई रिपोर्ट में PGI ने राय व्यक्त की है कि चोटें लगभग दो सप्ताह पुरानी थीं।

चार चोटें गंभीर थीं और बाकी सामान्य नेचुरल थीं। एक चोट को छोड़कर सभी ब्लंट फोर्स के प्रभाव के कारण हुई हैं, जिससे गहरा घाव हुआ है।

रोहतक और चंडीगढ़ पीजीआईएमईआर द्वारा गठित चिकित्सा अधिकारियों के बोर्ड द्वारा दाखिल रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए जस्टिस मनुजा ने कहा कि प्रितपाल सिंह के बयान को रिकॉर्ड करना उचित होगा।

जस्टिस मनुजा ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चंडीगढ़ से अनुरोध कर प्रितपाल सिंह के बयान दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से अनुरोध किया है कि वे PGI चंडीगढ़ का दौरा करें और इलाज करने वाले डॉक्टरों से अनुमति लेकर प्रितपाल सिंह का बयान दर्ज करें। प्रितपाल सिंह से उसको लगी चोटों और घटनाओं के बारे में बयान रिकॉर्ड करें।

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पिछली तारीख पर बेंच ने चंडीगढ़ PGI के निदेशक को प्रितपाल सिंह को लगी चोटों के बारे में एक मेडिकल बोर्ड गठित करने के लिए कहा था। खनौरी सीमा पर रोके गए शांतिपूर्ण किसान आंदोलन का हिस्सा रहे प्रितपाल की तलाश के लिए रोविंग रिट के साथ एक वारंट अधिकारी की नियुक्ति के लिए पिता ने याचिका दाखिल की थी। जिसकी सुनवाई में ये निर्देश दिए गए।

जस्टिस मनुजा की पीठ के समक्ष रखी गई याचिका में पीड़ित के पिता ने कहा था कि 21 फरवरी की दोपहर को हरियाणा पुलिस उनके बेटे और अन्य व्यक्तियों पर हमला करने से पहले पंजाब क्षेत्र के अंदर आई थी। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि उसके बेटे को बोरी में डालकर पीटा गया। हमले में उसके दोनों पैरों और सिर पर चोटें आईं।

 Pritpal Singh Medical Report 

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