Punjab University Guidelines
चंडीगढ़ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत दाखिले बढ़ाने के लिए यूजीसी द्वारा जारी दिशा-निर्देश के तहत पंजाब विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए स्नातक और स्नातकोत्तर कोर्स में कुल स्वीकृत सीटों के अलावा जरूरत पड़ने पर 25 प्रतिशत सीटें बढ़ा सकता है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने हाल में जारी किए नोटिस में सभी उच्च शैक्षणिक संस्थानों को अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के दाखिले और 25 प्रतिशत सीटें बढ़ाने के लिए 2022 में बनाए दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए कहा है। इसके तहत संस्थान यूजी और पीजी कोर्स में स्वीकृत सीटों के अलावा अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए 25 प्रतिशत अतिरिक्त सीटें बढ़ा सकेंगे।
पीएचडी में सीट बढ़ाने के लिए संस्थान को यूजीसी के जारी किए अन्य दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। एनईपी 2020 उच्च शिक्षा में समानता, उपलब्धता, विविधता और अंतरराष्ट्रीयकरण की बात करती है। भारत सरकार के इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशंस (आईसीसीआर) और स्टडी इन इंडिया प्रोग्राम द्वारा विदेशी विद्यार्थियों का उच्च शिक्षा पाने की प्रक्रिया को आसान बनाया है।
पीयू में विद्यार्थी इन दो तरीकों या सीधा प्रवेश भी ले सकते हैं। नए सत्र से विदेशी विद्यार्थियों को रिझाने के लिए डीन इंटरनेशनल ने विभिन्न बदलाव किए हैं। इसमें मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों के दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा की अनिवार्यता को हटा दिया है।
विदेशी विद्यार्थियों को पीयू के विभिन्न यूजी और पीजी कोर्स में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा नहीं देनी होगीं। साथ ही सार्क और गरीब देश के विद्यार्थियों की सहूलियत के लिए पीयू ने सभी कोर्स की फीस कम कर दी है।
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जिसके पास फॉरन पासपोर्ट हो उसे अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी माना जाएगा। 25 प्रतिशत सीटों में संस्थान में एक्सचेंज प्रोग्राम और एमओयू के तहत पढ़ रहे अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों को नहीं गिना जाएगा। सीट के खाली रहने पर इसे अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी के अलावा किसी और को नहीं दी जाएगी।
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