आम आदमी पार्टी की सरकार अनुसूचित जातियों की सच्ची हितैषी बनी: ब्रम शंकर जिम्पा
By NIRPAKH POST
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होशियारपुर, 17 अप्रैल: विधायक ब्रम शंकर जिम्पा ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने अनुसूचित जातियों की सच्ची हमदर्द बनकर दलितों के सर्वांगीण विकास के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए हैं।
यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विधायक ब्रम शंकर जिम्पा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार राज्य से भ्रष्टाचार का पूर्ण खात्मा करने और महान देशभक्तों के सपनों को साकार करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, और इस दिशा में रचनात्मक प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, भाजपा और अकाली दल ने हमेशा दलित वर्ग को केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया और अनुसूचित जातियों की भलाई के लिए न्यूनतम कार्य किए। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए सरकारी वकीलों की नियुक्ति के लिए आरक्षण को सुनिश्चित करके अनुसूचित जातियों के लिए बड़ा कदम उठाया है, जिससे वकालत पेशे से जुड़े अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को लाभ होगा।
पंजाब सरकार के हर कार्यालय में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर और शहीद-ए-आजम भगत सिंह की तस्वीरें लगाए जाने के बारे में बात करते हुए विधायक ब्रम शंकर जिम्पा ने कहा कि 2022 में आम आदमी पार्टी की सरकार ने महान देशभक्तों के सपनों को साकार करने का संकल्प लिया था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता के कारण पंजाब में हर वर्ग के समान विकास के लिए जी-तोड़ प्रयास किए जा रहे हैं।
विधायक जिम्पा ने बताया कि पंजाब के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने एडवोकेट जनरल कार्यालय की 58 रिक्तियों में आरक्षण की व्यवस्था करके अनुसूचित जातियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि इन रिक्तियों में से 15 रिक्तियां खाली रह जाने पर पंजाब सरकार ने इस कार्य में बाधा बन रही आय की शर्त में भी आवश्यक सुधार करके इन रिक्तियों को भरने का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी राज्य के हर वर्ग के सर्वांगीण विकास के लिए प्रयासरत है, जिसके तहत अनुसूचित जातियों के लिए ए.जी. कार्यालय की नियुक्तियों में आरक्षण किया गया है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए एडवोकेट जनरल कार्यालय में कोई भी रिक्ति खाली नहीं रहने दी और जो 15 रिक्तियां किसी कारण से रह गई थीं, उन्हें भी भरने की मंजूरी दे दी गई है।
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