"पंजाब शिक्षा क्रांति" के अंतर्गत बदली जा रही है स्कूलों की तस्वीर: जय कृष्ण सिंह रौड़ी

गढ़शंकर/ होशियारपुर, 17 अप्रैलः डिप्टी स्पीकर पंजाब विधान सभा जय कृष्ण सिंह रौड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री पंजाब भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य सरकार की ओर से शुरू किए गए पंजाब शिक्षा क्रांति अभियान के तहत सरकारी स्कूलों का स्तर ऊंचा उठाने के लिए व्यापक बदलाव किए जा रहे हैं। इस अभियान के अंतर्गत राज्य के स्कूलों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। जहां एक ओर स्कूलों के विकास कार्यों पर लाखों रुपए की ग्रांट दी जा रही हैवहीं शिक्षकों को विदेशों में प्रशिक्षण के लिए भी भेजा जा रहा है ताकि वे बच्चों को आधुनिक शिक्षा प्रदान कर सकें।

      वे आज विधान सभा क्षेत्र गढ़शंकर में 5 स्कूलों में 41.35 लाख रुपए की लागत से करवाए गए विकास कार्यों का उद्घाटन करने के दौरान गांव वासियों को संबोधित कर रहे थे। डिप्टी स्पीकर ने इस दौरान सरकारी एलीमेंट्री स्कूल कोट में क्लासरुम व चारदीवारी, सरकारी हाई स्कूल पंडोरी बीत में साइंस लैब, चारदीवारी व अन्य विकास कार्य, सरकारी एलिमेंट्री स्कूल गुजरां में चारदीवारी व अन्य विकास कार्य, सरकारी एलिमेंट्री स्कूल डल्लेवाल में क्लासरुम व डा.बी.आर. अंबेडकर सरकारी एलिमेंट्री स्कूल बीनेवाल में नए क्लासरुम व अन्य विकास कार्यों का उद्घाटन किया।

डिप्टी स्पीकर जय कृष्ण सिंह रौड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में शिक्षा के स्तर को बेहतर करने के लिए राज्य के एलिमेंट्री, मिडिलहाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि "पंजाब शिक्षा क्रांति" अभियान के अंतर्गत राज्य के सभी सरकारी स्कूलों की तस्वीर पूरी तरह बदली जा रही है। विद्यार्थियों को उनकी रुचि और क्षमता के अनुसार शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया जा रहा हैजिससे वे बारहवीं कक्षा के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होकर मनचाहे पदों पर सेवाएं दे सकें।

जय कृष्ण सिंह रौड़ी ने कहा कि पंजाब सरकार की यह पहल केवल एक योजना नहींबल्कि राज्य के बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में ठोस कदम है। सरकारी स्कूलों को इस तरह से विकसित किया जा रहा है कि वे किसी भी निजी स्कूल से पीछे न रहें। आज पंजाब के सरकारी स्कूल आधुनिक सुविधाओंगुणवत्तापूर्ण शिक्षा और प्रशिक्षित स्टाफ के साथ छात्रों को वही माहौल दे रहे हैंजो पहले केवल निजी संस्थानों तक सीमित था। इस अवसर पर गांवों की पंचायत, स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी व अन्य गणमान्य भी मौजूद थे।

Tags: