Rajmata Gaumata Status
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे सरकार ने देशी गाय को राज्यमाता का दर्जा दिया है। ऐसा करने वाला महाराष्ट्र देश का पहला राज्य है। कैबिनेट बैठक में सोमवार सरकार ने ये फैसला लिया। महायुति सरकार ने इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी है।
शिंदे ने कहा कि स्वदेशी गायें हमारे किसानों के लिए वरदान हैं। इसलिए हमने इन्हें ‘राज्य माता’ का दर्जा देने का फैसला लिया है। इसके साथ ही हम गोशालाओं में स्वदेशी गायों के पालन-पोषण के 50 रुपए प्रतिदिन की सब्सिडी योजना लागू करने जा रहे हैं। गोशालाएं अपनी कम आय के चलते यह खर्च नहीं उठा सकती थीं, इसलिए यह फैसला लिया गया है।
नोटिफिकेशन में सरकार ने कहा कि वैदिक काल से भारतीय संस्कृति में देशी गाय के महत्व, मानव आहार में देशी गाय के दूध की उपयोगिता, आयुर्वेद चिकित्सा, पंचगव्य उपचार पद्धति और जैविक कृषि प्रणालियों में देशी गाय के गोबर और गोमूत्र के अहम स्थान को देखते हुए देशी गाय को ‘राज्यमाता गोमाता’ घोषित करने की मंजूरी दी गई है।
मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने शनिवार (28 सितंबर) को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है। इसके पहले चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। तारीखों का ऐलान अगले महीने होने की उम्मीद है।
राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और एस एस संधू दो दिन के महाराष्ट्र दौरे पर हैं। उन्होंने यहां विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसर, सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस समेत अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की।
इसके अलावा उन्होंने शिवसेना, शिवसेना UBT, मनसे, बसपा, आप समेत 11 पार्टियों से मुलाकात की। सभी पार्टियों ने मांग की है कि दिवाली, देव दिवाली और छठ पूजा जैसे त्योहारों को ध्यान में रखकर चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जाए।
चुनाव आयोग ने शुक्रवार (27 सितंबर) को महाराष्ट्र के मुख्य सचिव और DGP से आदेश का पालन न करने पर जवाब मांगा है। मामला विधानसभा चुनाव को देखते हुए अधिकारियों के ट्रांसफर से जुड़ा है।
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इलेक्शन कमीशन ने आदेश दिया था कि राज्य में उन अधिकारियों का ट्रांसफर किया जाए। जो या तो अपने होम टाउन में पोस्टेड हैं या वे अधिकारी जिन्हें एक जगह सर्विस करते हुए तीन साल से ज्यादा हो गया।
चुनाव आयोग ने 31 अगस्त तक रिपोर्ट फाइल करने का समय दिया था। ADGP ने अभी तक अधूरी रिपोर्ट दी है। वहीं चीफ सेक्रेटरी का भी पूरी रिपोर्ट फाइल करना बाकी है। मुंबई में करीब 100 से ज्यादा अधिकारियों का ट्रांसफर नहीं हुआ है।
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