Friday, November 22, 2024
Google search engine
Friday, November 22, 2024
HomeUncategorizedRRTS Project: एड के ल‍िए 500 करोड़ दे सकते हैं... पर परियोजना...

RRTS Project: एड के ल‍िए 500 करोड़ दे सकते हैं… पर परियोजना के 400 करोड़ नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने फ‍िर लगाई द‍िल्‍ली सरकार को फटकार

Supreme Court pulls Delhi Goverment:इस मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय किशन कौल ने एक बार फिर दिल्ली सरकार के रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा कि आप विज्ञापन के लिए 500 करोड़ रुपये का बजट में प्रावधान कर सकते हैं, लेकिन आप इस परियोजना के लिए 400 करोड़ रुपये का प्रावधान नहीं कर सकते.

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह रैप‍िड रेल प्रोजेक्ट (RRTS प्रोजेक्ट्स) के लिए अपने हिस्से का पैसा देने के आदेश पर पूरी तरह अमल सुनिश्चित करें. कोर्ट को आज यानी मंगलवार को जानकारी दी गई कि दिल्ली सरकार के पास बकाया रकम का आंशिक भुगतान हो गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इस आदेश पर पूरी तरह से अमल सुनिश्चित होना चाहिए. आंशिक भुगतान का कोई औचित्य बनता नहीं है. द‍िक्‍कत यह है कि दिल्ली सरकार को उस पैसे के भुगतान के लिए कोर्ट को दवाब बनाना पड़ रहा है, जो उसकी जिम्मेदारी बनती है.

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को अपने हिस्से का पूरा भुगतान करने का निर्देश देते हुए सुनवाई 7 दिसंबर के लिए टाल दी. इस मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय किशन कौल ने एक बार फिर दिल्ली सरकार के रवैये पर नाराजगी जताते हुए कहा कि आप विज्ञापन के लिए 500 करोड़ रुपये का बजट में प्रावधान कर सकते हैं, लेकिन आप इस परियोजना के लिए 400 करोड़ रुपये का प्रावधान नहीं कर सकते.

READ ALSO:Uttarkashi Tunnel : सुरंग के अंदर पहुंची NDRF की टीम, थोड़ी देर में निकाले जाएंगे 41 मजदूर

आपको बता दें क‍ि मामले की प‍िछली सुनवाइै के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की AAP सरकार पर कठोर टिप्पणी करते हुए कहा था क‍ि अगर पिछले तीन साल में विज्ञापनों पर 1100 करोड़ रुपये खर्च किए जा सकते हैं, तो निश्चित रूप से बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को फाइनेंस मुहैया कराया जा सकता है. बहरहाल दिल्ली राज्य सरकार आज दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट के लिए बकाया रकम का भुगतान करने पर सहमत हो गई थी.

दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा था क‍ि 2020 से 2023 तक विज्ञापन के लिए 1073.16 करोड़ रुपया खर्च किया गया. 2020-21 में 296.89 करोड़, 2021-22 में 579.91 करोड़ और 2022-23 में 196.36 करोड़ रुपया विज्ञापन पर खर्च किया गया. दिल्ली सरकार ने अपने हलफनामे में इस खर्च का बचाव करते हुए कहा कि सरकारी नीतियों के प्रचार के लिए ये खर्च वाजिब और किफायती है. यह खर्च किसी भी तरह से दूसरे राज्यों के प्रचार से ज्यादा नहीं है.

Supreme Court pulls Delhi Goverment:

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments