Russian President Vladimir Putin
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका और बाकी पश्चिमी शक्तियों को स्पष्ट संदेश देते हुए यूक्रेन के साथ चल रहे संघर्ष के बीच मंगलवार को अपने परमाणु सिद्धांत में संशोधन को मंजूरी दे दी है. इस नई नीति में इस बात का दायरा बढ़ाया गया है कि मास्को कब परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है.
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने रूस के परमाणु सिद्धांत में बदलावों के बारे में कहा, “हमारे सिद्धांतों को मौजूदा स्थिति के अनुरूप लाना ज़रूरी था,” उन्होंने इस अपडेट को बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज बताया, जिसका विदेश में अध्ययन किया जाना चाहिए. रूस की यह घोषणा अमेरिका की ओर से यूक्रेन को रूसी क्षेत्र को लक्ष साधने वाली लंबी दूरी की मिसाइल हमलों के उपयोग के लिए सीमित अनुमति दिए जाने के साथ हुई है. खास तौर से पुतिन की ओर से वेस्ट को मास्को के खिलाफ कीव के हमले में मदद करने के खिलाफ चेतावनी दिए जाने के बाद.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने रिपोर्ट के मुताबिक, नई परमाणु नीति के अनुसार, रूस एक गैर-परमाणु क्षमता वाला देश जब किसी न्यूक्लियर ताकत से संपन्न देश के साथ मिलकर आक्रामकता दिखाता है तो इसे संयुक्त हमला समझा जाएगा और उसी तरह से जवाबी कार्रवाई करेगा. नई नीति में रूस को बाहरी हमले की स्थिति में जवाबी कार्रवाई में अपने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का विस्तार करने की भी अनुमति दी गई है.
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पुतिन की ओर से हस्ताक्षरित नए आदेश में ड्रोन हमलों सहित रूस पर किसी भी महत्वपूर्ण पारंपरिक हमले के खिलाफ जवाबी कार्रवाई में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की भी अनुमति दी गई है.
यह नीति संशोधन कदम सहयोगी राज्यों से कथित खतरों के मद्देनजर सिद्धांत को संशोधित करने के बारे में पुतिन की पिछली टिप्पणियों के एक महीने बाद आया है. पुतिन ने इससे पहले अमेरिका और उसके यूरोपीय सहयोगियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा था कि यूक्रेन को रूसी क्षेत्र में उन्नत पश्चिमी हथियारों के साथ हमला करने की अनुमति देने से तनाव बढ़ सकता है और रूस के साथ सीधा संघर्ष हो सकता है.
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