Sukhdev Singh Dhindsa
शिरोमणि अकाली दल में वापसी के बाद आज पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा गोल्डन टेंपल माथा टेकने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अकाली बीजेपी के समझौते की बात कल की बैठक के बाद साफ हो जाएगी। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि पंथ की जीत के लिए अकाली दल का साथ देना चाहिए।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा और उनके बेटे और पूर्व वित्त मंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा को कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए फरवरी 2020 में शिअद से निष्कासित कर दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने शिअद (संयुक्त) का गठन किया। जिसका 5 मार्च 2024 को अकाली दल में विलय कर लिया गया पुनर्मिलन के लिए बातचीत पिछले साल दिसंबर में शुरू हुई जब बादल ने 2015 में अकाली शासन के दौरान हुई बेअदबी की घटनाओं के लिए माफी मांगी।
उन्होंने असंतुष्ट अकाली नेताओं से अपने मतभेद भुलाकर एक झंडे के नीचे आने की अपील की थी। यह मिलन अकाली-भाजपा पुनर्मिलन की चर्चा के बीच हुआ। अकालियों ने अब निरस्त किए गए कृषि कानूनों को लेकर 2020 में एनडीए छोड़ दिया था। शिअद (संयुक्त) ने 2022 का पंजाब विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ गठबंधन में लड़ा था।
सुखदेव सिंह ढींडसा ने कहा कि वर्तमान समय की मांग है कि शिअद को मजबूत होना चाहिए, जिससे ‘पंथ’ मजबूत होगा। सुखबीर सिंह बादल मेरे बेटे की तरह हैं।”उन्होंने कहा कि आज वह गुरु घर सचखंड श्री हरिमंदर साहिब में माथा टेकने आये हैं।
कहते हैं इसी दर से जिंदगी को सब कुछ मिला है और इससे बढ़कर कोई ठिकाना नहीं है उन्होंने कहा कि आज गुरु के घर प्रार्थना करने आए हैं उन्हें सीधा रास्ता बताएं ताकि वो पंजाब और पंथ के लिए कुछ अच्छा कर सकें।
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शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी के बीच हुए समझौते पर उन्होंने कहा कि कल कोर कमेटी की बैठक होने वाली है, उसके बाद ही सब कुछ साफ हो जाएगा। उससे पहले कुछ नही कहा जाना चाहिए।
Sukhdev Singh Dhindsa