Wrestler Reetika Hooda Match
हरियाणा की पहलवान रीतिका हुड्डा ने पेरिस ओलिंपिक में रेसलिंग के 76 Kg वेट कैटेगरी में प्री क्वार्टरफाइनल मैच जीत लिया है। उन्होंने हंगरी की बर्नाडेट नागी को 12-2 से हराया। अब 4 बजे रीतिका का क्वार्टरफाइनल मैच किर्गिस्तान की एइपेरी मेडेट क्यजी से होगा।
मैच से पहले रीतिका की मां नीलम हुड्डा ने कहा, ‘मैं बेटी का मैच नहीं देख पाऊंगी। मुझसे मैच नहीं देखा जाएगा। मैं सिर्फ रिजल्ट देखूंगी। जब जीत जाएगी, तब देखूंगी। रीतिका की उनसे बात हुई थी, उसने यही कहा कि मैं अपना 100 प्रतिशत दूंगी। अगर लक अच्छा हुआ तो जरूर गोल्ड लेकर आऊंगी।’
रीतिका के पिता जगबीर हुड्डा ने कहा, ‘बेटी ने 14 साल की मेहनत 8 साल में कर रखी है। उसकी तैयारी में कोई कमी नहीं है। हमें गोल्ड की पूरी उम्मीद है। स्पोर्ट्स में खर्चा तो पूरा होता है। हमने रीतिका के लिए हर चीज उपलब्ध कराई है।’
रीतिका ने 9 साल की उम्र में कुश्ती खेलनी शुरू की थी। रीतिका हुड्डा ने पेरिस जाने से पहले कहा था, ‘जब उसका सिलेक्शन कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में नहीं हुआ तो कुश्ती छोड़ने का फैसला कर लिया था। माता-पिता ने उसे कुश्ती खेलने के लिए प्रेरित किया।
इसलिए उसने तय किया है कि वह किसी भी चीज को अपने दिमाग पर हावी नहीं होने देगी और खुलकर खेलेगी। उसने स्पीड वर्क और स्मार्ट वर्क पर खूब ध्यान दिया। उसका लक्ष्य गोल्ड लाना है।’
Read Also : जालंधर में पुलिस लगा रही 1000 सीसीटीवी कैमरे ,जाने अब तक कितने जंक्शनों पर लगे कैमरे
रीतिका हुड्डा रोहतक जिले के खरकड़ा गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता जगबीर हुड्डा किसान हैं। कुश्ती में आने से पहले पिता जगबीर ने उन्हें हैंडबॉल खेलने के लिए प्रेरित किया था। इसके बाद पिता को लगा कि व्यक्तिगत खेल अधिक अवसर प्रदान करते हैं।
इसलिए वे 2015 में रीतिका को छोटू राम अखाड़े में ले गए। वहां कोच मंदीप ने उनकी क्षमता को पहचाना।
रीतिका ने कहा पेरिस जाने से पहले कहा था कि उस समय उन्होंने नहीं सोचा था कि वह कभी ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करेंगी और पहली भारतीय महिला बनेंगी। ओलिंपिक में कई देश के खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। उन्हें हराने के लिए अलग-अलग रणनीति होती है। उन्होंने सभी के मुकाबले देखे हैं और उन पर काम किया है। कुछ के साथ अटैक करके खेलूंगी और कुछ के साथ डिफेंड करूंगी।
Wrestler Reetika Hooda Match