Friday, September 20, 2024
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महिला जज की बेटी की अर्जी खारिज:नौकरी से निकालने को कैट ने ठहराया सही..

Sippy Sidhu Murder Case

एडवोकेट सुखमनप्रीत सिंह उर्फ सिप्पी सिद्धू हत्याकांड में आरोपी कल्याणी सिंह को सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल यानि कैट की चंडीगढ़ इकाई से बड़ा झटका मिला है। महिला जज की बेटी कल्याणी की उस अर्जी को कैट ने खारिज कर दिया है जिसमें उसने निदेशक उच्च शिक्षा, चंडीगढ़ के उस ऑर्डर को चुनौती दी थी जिसमें उसकी टीचर के रूप में सेवाओं को रद्द कर दिया गया था।

कल्याणी ने कैट से मांग की थी कि 11 अगस्त, 2022 के आदेश को रद्द किया जाए और प्रतिवादी पक्ष को आदेश जारी हों कि जल्द उसकी सेवाओं को बहाल किया जाए। कल्याणी का कहना था कि वह शहर के सरकारी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में 14 अगस्त, 2017 को नियुक्त हुई थी

जिसके बाद से प्रत्येक वर्ष उसकी सेवाएं आगे बढ़ती रहती थी। वर्ष 2015 के एक मामले में चंडीगढ़ पुलिस ने एक एफआईआर दर्ज की थी और मामला 2016 में सीबीआई को ट्रांसफर हो गया था। उसकी 2017 में नियुक्ति से पहले यह एफआईआर हुई थी।

15 जून, 2022 को सीबीआई ने उसे इस हत्या मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद नियुक्ति पत्र के क्लॉज 13 के तहत उसकी सेवाओं को शिक्षा विभाग ने पूर्वव्यापी रूप से रद्द कर दिया था। इसके पीछे कहा गया था कि उसकी सेवाएं और आचरण संतोषजनक नहीं था क्योंकि उस पर एफआईआर हुई थी और उसकी गिरफ्तारी भी हो चुकी थी।

जेल से छूटने के बाद कल्याणी ने निदेशक उच्च शिक्षा को एक मांगपत्र दिया था जिसमें मांग की थी कि उसकी सेवाएं बहाल की जाएं। इसके पीछे हाईकोर्ट से 13 सितंबर, 2022 को मिली जमानत के आदेशों का हवाला दिया गया था।

वहीं दूसरी ओर प्रतिवादी पक्ष ने कैट में कहा कि अर्जीकर्ता वर्ष 2017-18 सत्र के लिए अथवा जब तक उसकी सेवाएं जरुरी हों तब तक ठेका आधारित सेवा के तहत टीचिंग से जुड़ी थी। उसकी सेवाएं और आचरण सही न पाए जाने पर बिना नोटिस के कभी भी उसकी सेवाएं समाप्त की जा सकती थी।

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कैट ने कहा कि क्लॉज 13 के तहत प्रतिवादी पक्ष को अर्जीकर्ता की सेवाएं संतोषजनक आचरण न पाए जाने की सूरत में बिना पूर्व नोटिस के समाप्त करने का पूरा अधिकार था। उसका आचरण उस पर दर्ज एफआईआर के संदर्भ में देखा गया था। प्रतिवादी पक्ष की इस कार्रवाई को कैट ने न तो निरंकुश माना और न ही भेदभावपूर्ण ही माना।

मोहाली निवासी राष्ट्रीय स्तर के निशानेबाज व पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के वकील 36 वर्षीय सुखमनप्रीत सिद्धू उर्फ सिप्पी सिद्धू का शव 20 सितंबर 2015 को चंडीगढ़ सेक्टर-27 स्थित एक पार्क में मिला था। चार गोलियां मारकर उनकी हत्या की गई थी। शुरुआत में चंडीगढ़ पुलिस ने केस की जांच की। ढीली जांच के दौरान पुलिस ने कई सबूतों पर गौर नहीं किया।
वर्ष 2016 में इस केस को सीबीआई को सौंप दिया गया। दिसंबर 2020 में सीबीआई ने केस में अनट्रेस रिपोर्ट दायर की थी। हालांकि कोर्ट ने सीबीआई को केस की जांच जारी रखने का आदेश दिया था और फाइनल रिपोर्ट पेश करने को कहा था।

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इस मामले में कल्याणी को 15 जून 2022 को गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई के मुताबिक कल्याणी के साथ मौके पर एक और शूटर था। दोनों ने मिलकर सिप्पी की हत्या की थी।

Sippy Sidhu Murder Case

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