Jharkhand floor test news
झामुमो और कांग्रेस ने फ्लोर टेस्ट के लिए व्हिप जारी किया है। सदन में बहुमत साबित करने के लिए 41 विधायकों का समर्थन चाहिए। झामुमो का दावा है कि उनके पास 48 विधायकों का समर्थन है। उनके 1 विधायक तबीयत खराब होने की वजह से फ्लोर टेस्ट में शामिल नहीं होंगे। भाजपा सहयोगियों के पास 32 विधायक है। विश्वास प्रस्ताव पर झारखंड भाजपा के प्रवक्ता प्रतुल साह देव ने कहा कि विश्वास प्रस्ताव का जो भी नतीजा रहे, लेकिन एक बात साफ है कि झारखंड हार चुका है। 1 सीएम 40 घंटे से ज्यादा समय तक लापता रहा और राज्य के शीर्ष अधिकारियों का भी उनसे कोई संपर्क नहीं था। राज्य की जनता को उसके हाल पर छोड़ दिया गया था। सीएम पर 70 हजार करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के आरोप लगे है और उनके इस्तीफे के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया।
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झारखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता अमर कुमार बौरी ने कहा वादे पूरे करने के बजाय, वे भ्रष्टाचार को प्राथमिकता दे रहे है। हम उम्मीद करते है कि वे उन वादों को पूरा करेंगे, जिनके लिए जनता ने उन्हें चुना है। उनके विधायक हिरासत में है। सत्ताधारी गठबंधन के विधायकों को विधानसभा ले जाने के लिए बस रांची स्थित सर्किट हाउस पहुंच चुकी है। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड विधानसभा लाया गया। ईडी की 1 टीम उन्हें यहां लेकर पहुंची। आज झारखंड विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार का फ्लोर टेस्ट होना है, जिसमें शामिल होने के लिए हेमंत सोरेन को कोर्ट से छूट मिली थी। झारखंड विधानसभा में कुल 81 सदस्य है। इनमे से 1 सीट फिलहाल खाली है। 1 विधायक बीमार होने की वजह से फ्लोर टेस्ट में शामिल नहीं हुए है। विधानसभा में 79 विधायक है, जिसके बाद बहुमत का आंकड़ा 40 हो गया है। पार्टी के अनुसार सीटों की बात करें तो झामुमो के 29, कांग्रेस के 17, राजद के एक, सीपीआई के 1 समेत सत्ताधारी गठबंधन में कुल 48 विधायक है। भाजपा के 26, आजसू के 3, एनसीपी एक और दो निर्दलीय विधायक हैं। ऐसे में विपक्ष का आंकड़ा कुल 32 है। पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने विधानसभा में संबोधन दिया। अपने संबोधन में हेमंत सोरेन ने कहा कि ’31 जनवरी की काली रात रही। देश के लोकतंत्र में यह काली रात जुड़ी। इस गिरफ्तारी में राजभवन भी शामिल रहा। जिस तरीके से यह घटना घटित हुई है। मैं बहुत आश्चर्यचकित हूं। बहुमत परीक्षण के लिए झारखंड विधानसभा का दो दिन का विशेष सत्र बुलाया गया है, जिसकी राज्यपाल के अभिभाषण से शुरुआत हुई।
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