Haryana Political Crisis
हरियाणा की जननायक जनता पार्टी (जजपा) में बड़ा सियासी खेल हो सकता है। महाराष्ट्र में शिवसेना और NCP की तर्ज पर यहां भी जजपा में टूट हो सकती है। जिसके बाद जजपा के बागी विधायक मिलकर जजपा पर अधिकार का दावा ठोक पार्टी को तोड़ सकते हैं।
जजपा के बागी विधायक पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली ने इसके संकेत दिए हैं। जजपा के 10 में से 6 विधायक बागी हो चुके हैं। अब इन बागी विधायकों में से टोहाना से विधायक देवेंद्र बबली ने 11 से 13 मई तक अपने घर पर समर्थकों की मीटिंग बुला ली है।
सूत्रों की मानें तो यहां जजपा के बागी विधायक इकट्ठा होकर विधायक दल का नेता चुन सकते हैं और उसके बाद चुनाव आयोग के आगे जजपा पर दावा ठोक सकते हैं।
जजपा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक दुष्यंत चौटाला को शक है कि इस पूरे घटनाक्रम के पीछे भाजपा हो सकती है। इसे देखते हुए ही उन्होंने हरियाणा की भाजपा सरकार के अल्पमत में होने का दावा करते हुए फ्लोर टेस्ट की मांग उठाई है।
वहीं इसी बीच मनोहर लाल खट्टर ने पानीपत में जजपा के 3 बागी विधायकों से बात की है। सूत्रों की मानें तो इसमें सरकार गिरने की स्थिति में बागियों के समर्थन को लेकर चर्चा हुई।
2019 के विधानसभा चुनाव में जजपा के 10 विधायक जीते थे। इसके बाद जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजय चौटाला के बेटे दुष्यंत चौटाला को विधायक दल का नेता चुना गया। इसके बाद जजपा ने भाजपा को समर्थन दिया और फिर जजपा सरकार में शामिल हुई। लोकसभा चुनाव से पहले अचानक यह गठबंधन टूट गया।
जजपा के भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद 10 विधायकों में से 6 बागी हो चुके हैं। इनमें बरवाला विधानसभा से जोगीराम सिहाग, नारनौंद विधानसभा से रामकुमार गौतम, टोहाना विधानसभा से देवेंद्र बबली, नरवाना विधानसभा से रामनिवास सुरजाखेड़ा, गुहला विधानसभा से ईश्वर सिंह और शाहबाद विधानसभा से रामकरण काला शामिल हैं।
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दुष्यंत चौटाला और उनकी मां नैना चौटाला भी विधायक हैं। भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद उकलाना से अनूप धानक और जुलाना से अमरजीत ढांडा उनके साथ हैं।
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