Dada Dulichand
‘थारा फूफा जिंदा है’ आंदोलन करने वाले करीब 104 वर्षीय दादा दुलीचंद बुधवार को कोर्ट पहुंचे । वे मानसरोवर पार्क स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा से रथ में सवार होकर रोहतक कोर्ट में पहुंचे। रथ पर सारथी बनकर कोर्ट पहुंचे जयहिंद सेना के प्रमुख नवीन जयहिंद ने बताया कि एक एप द्वारा उनके आंदोलन से कंटेंट चोरी किया गया है। जिसके कारण वे कोर्ट में पहुंचे हैं। कोर्ट में उस फिल्म के खिलाफ याचिका दर्ज की है।
नवीन जयहिंद ने कहा कि फैमिली आईडी में बुजुर्ग करीब 102 वर्षीय दुलीचंद को बुजुर्ग दिखाकर पेंशन काट दी थी। जिसके बाद थारा फूफा जिंदा है के नाम से आंदोलन किया गया। इसके बाद कई बुजुर्गों व विधवाओं की पेंशन बनी। इस आंदोलन के ब्रांड एंबेस्टर दादा दुलीचंद हैं। लेकिन अब उसके नाम से एक फिल्म बनाई गई है। जिसकी दादा दुलीचंद से कोई अनुमति नहीं ली गई। इसलिए उन्होंने कोर्ट का सहारा लिया।
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नवीन जयहिंद ने कहा कि थारा फूफा जिंदा है आंदोलन लोगों की आवाज उठाने के लिए चला था। लेकिन अब इस पर फिल्म बनाकर निर्माता मुनाफा कमाना चाहते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। इसके लिए दादा दुलीचंद से अनुमति लेनी चाहिए थी। कहा कि, हमें मुनाफा नहीं चाहिए। इसलिए फिल्म निर्माता इसके लिए माफी मांगे। साथ ही इस फिल्म से जो रेवेन्यू मिले, उसे वृद्ध आश्रम या गोशाला में दान करें।
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