Israel Hamas War
इजरायल और हमास के बीच चल रहा युद्ध और आक्रमक होता जा रहा है. दोनों ही एक-दूसरे पर आत्मघाती हमले कर रहे हैं. इस बीच इजरायल ने साफ किया है कि वह हमास को खत्म करके ही दम लेगा. वहीं इस बीच ईरान में रह रहे हमास प्रमुख इस्माइल हानिया की हत्या भी कर दी गई. इसमें इजरायल का हाथ होने की बात कही जा रही है.
इस घटना के बाद ईरान और अन्य देशों के भी युद्ध में शामिल होने की आशंका है. इस मामले पर भारत भी नजर बनाए हुए हैं. वहीं बड़े युद्ध के बढ़ते खतरे के बीच देश के पूर्व न्यायाधीशों, राजनयिकों, कार्यकर्ताओं, लेखकों और अर्थशास्त्रियों सहित 25 नागरिकों के एक समूह ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को एक लेटर लिखकर इजरायल को हथियारों और गोला-बारूद के निर्यात का लाइसेंस रद्द करने का आग्रह किया है.
इस लेटर में कहा गया है कि हम इजरायल को सैन्य हथियारों और युद्ध सामग्री की आपूर्ति के लिए विभिन्न भारतीय कंपनियों को निर्यात लाइसेंस और अनुमति जारी रखे जाने पर चिंतित हैं. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने स्पष्ट रूप से फैसला सुनाया है कि इजरायल अपने दायित्वों का उल्लंघन कर रहा है.
30 जुलाई को लिखे गए इस पत्र में कहा गया है कि इजरायल को किसी भी सैन्य सामग्री की आपूर्ति अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत भारत के दायित्वों और भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 (सी) के साथ अनुच्छेद 21 के जनादेश का उल्लंघन होगा. इसलिए हम आपसे आग्रह करते हैं कि संबंधित निर्यात लाइसेंस रद्द करें और इजरायल को सैन्य उपकरणों की आपूर्ति करने वाली कंपनियों को किसी भी नए लाइसेंस को देना बंद करें.
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बता दें कि भारत की कई सरकारी और निजी कंपनियां इजरायली रक्षा उत्पादन कंपनियों के साथ मिलकर हथियार बनाने का काम कर रही हैं. ये भारतीय कंपनियां इजरायल की कंपनियों के लिए उनके उत्पादों के और हिस्से तैयार करती हैं. लेटर में तीन भारतीय कंपनियों – मुनिशन्स इंडिया लिमिटेड (MIL), प्रीमियर एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड (PEL) और अडानी-एल्बिट एडवांस्ड सिस्टम्स इंडिया लिमिटेड का जिक्र किया गाय है.
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