Nawanshahr Doing Guru Seva Gyani Died
मृत्यु एक निश्चित समय और स्थान पर आती है, यह अटल सत्य है। इसका उदाहरण नवांशहर के गुरुद्वारा नानक निरवैर सचखंड धाम रोलू कालूनी बलाचौर में देखने को मिला। जहां श्री आनंदपुर साहिब नजदीक बेला निवासी ज्ञानी सुरजीत सिंह, हाल निवासी सियाना बलाचौर, जो चौर साहिब की सेवा करते हुए हार्टअटैक आने से गुरु के चरणों में लीन हो गए।
गुरुद्वारा नानक निरवैर सचखंड धाम बलाचौर के मुख्य सेवक संत बाबा हरजिंदर सिंह बराड़ ने बताया कि ज्ञानी सुरजीत सिंह लगभग दो वर्षों से सेवा कर रहे थे। आज सुबह स्नान करने के बाद भोर सब में गुरु ग्रंथ साहब जी का पाठ करने के उपरांत वह गुरुद्वारा साहिब गए और उस समय चौर साहिब की सेवा शुरू की। वह गुरु घर के ग्रंथी हुकमनामा ले रहे थे।
अचानक ज्ञानी सुरजीत सिंह को दौरा पड़ने से गिर पड़े और कुछ देर बाद होश आने पर फिर खड़े हो गए और चौर साहिब को रख दिया। फिर से हाथ जोड़कर पालकी के पीछे बैठ गए। जब आदेश पूरा हुआ तो ज्ञानी सुरजीत सिंह की मौत हो चुकी थी।
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सुरजीत सिंह की बहन ने बताया कि उनकी पत्नी की पहले ही मौत हो गई थी तथा बच्चा कोई नहीं है। सुरजीत सिंह एक दानी भाई थे तथा हर व्यक्ति के दु:ख सुख में खड़ा रहते थे। उसकी मौत गुरु चरणों में हुई है, यही अच्छे कर्मों का फल है। इस मौत से परिवार तथा इलाके में शोक की लहर है।
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