उपायुक्त दीपशिखा शर्मा और एस.एस.पी. भूपिंदर सिंह सिद्धू ने नशा मुक्ति केंद्र का दौरा किया

उपायुक्त दीपशिखा शर्मा और एस.एस.पी. भूपिंदर सिंह सिद्धू ने नशा मुक्ति केंद्र का दौरा किया

फिरोजपुर, 27 फरवरी:
 
जिला फिरोजपुर की डिप्टी कमिश्नर दीपशिखा शर्मा ने आज सिविल अस्पताल फिरोजपुर में स्थापित नशा मुक्ति केंद्र का दौरा किया और राज्य सरकार द्वारा आम लोगों को दी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी प्राप्त की। इस मौके पर जिला फिरोजपुर के एस.एस.पी. भूपिंदर सिंह सिद्धू भी विशेष रूप से उनके साथ उपस्थित थे।
 
डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि राज्य से नशे की समस्या को जड़ से खत्म करने के उद्देश्य से माननीय मुख्यमंत्री पंजाब स भगवंत सिंह मान के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग द्वारा नशा मुक्ति अभियान को और मजबूत किया जा रहा है। जिले में वर्तमान में 19 ओट (ओपीआईओड असिस्टेड ट्रीटमेंट) सेंटर और 5 ड्रग डी-एडिक्शन सेंटर संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने मौके पर नशा पीड़ितों से बातचीत की और संबंधित स्टाफ को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि आम लोगों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। इस दौरान उन्होंने दवाओं के स्टॉक की भी जानकारी प्राप्त की।
 
डिप्टी कमिश्नर ने सिविल सर्जन फिरोजपुर को नशा मुक्ति केंद्र में रोशनी की व्यवस्था, पीने के पानी के आर.ओ. की सफाई, गमलों/पौधों की व्यवस्था, शौचालयों की सफाई को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने मरीजों की काउंसलिंग को प्रभावी बनाने और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के भी निर्देश दिए। साथ ही, नशा मुक्ति केंद्र के आसपास की जगह को सुंदर बनाने और सकारात्मक वातावरण बनाने संबंधी दिशानिर्देश भी दिए।
 
डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि पंजाब सरकार नशे की समस्या को समाप्त करने के लिए बड़े कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि ओट सेंटर नशा पीड़ित व्यक्तियों के लिए बहुत उपयोगी साबित हो रहे हैं, क्योंकि यह उन्हें उनके निवास स्थान से 5 से 10 किलोमीटर के दायरे में इलाज की सुविधा प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि इन केंद्रों में पंजीकृत नशा पीड़ितों को नशा छोड़ने के लिए मुफ्त दवा दी जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि जिला प्रशासन नशा पीड़ितों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और नशा छोड़ने वाले युवाओं को रोजगार प्राप्त करने में भी हर संभव सहायता दी जाएगी।
 
डिप्टी कमिश्नर ने नशा पीड़ितों से जागरूक होने और नशा मुक्ति केंद्रों/ओट क्लीनिकों में जाकर इस बीमारी से छुटकारा पाने के लिए इलाज करवाने की अपील की। उन्होंने कहा कि नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता बढ़ने के कारण लोग अब इलाज को प्राथमिकता दे रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जिला प्रशासन के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग लगातार जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
 
उन्होंने आगे बताया कि नशा मुक्ति केंद्रों में नशा पीड़ितों का इलाज पूरी तरह मुफ्त किया जाता है और मरीजों का इलाज विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में किया जाता है। उन्होंने नशा पीड़ितों से अपील करते हुए कहा कि वे इस लाइलाज बीमारी को छोड़ने के लिए आगे आएं और ओट क्लीनिक केंद्रों पर जाकर अपना इलाज करवाएं। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि इलाज करवाने वाले मरीजों की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाती है।
 
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