हरजोत बैंस द्वारा स्कूलों की कुशलता बढ़ाने के लिए जिला शिक्षा अधिकारियों को दो घंटे फील्ड में रहने के आदेश
चंडीगढ़, 10 मार्च:
राज्य के सरकारी स्कूलों की कुशलता में और वृद्धि करने तथा विश्व-स्तरीय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुनिश्चित करने के लिए पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री स हरजोत सिंह बैंस ने आज सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ-एलिमेंट्री और सेकेंडरी) को प्रतिदिन सुबह 9 बजे से 11 बजे तक फील्ड में रहने के आदेश दिए। इसके साथ ही, उन्हें सार्थक परिणामों के साथ डेटा-आधारित जिला-विशेष कार्य योजनाएँ तैयार करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि सभी डीईओ के परिणामों की महीनेवार समीक्षा की जाएगी।
उन्होंने यह आदेश मैगसीपा में डीईओज़ के साथ की गई समीक्षा बैठक के दौरान जारी किए। शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए स्कूल ऑफ एमिनेंस, दाखिला अभियान और विद्यार्थी कोचिंग संबंधी कार्यक्रमों के जमीनी स्तर पर लागू होने को सुनिश्चित करने के लिए भी कहा।
मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा प्रमुख प्राथमिकता क्षेत्र घोषित किए गए शिक्षा क्षेत्र में किए गए वादों को पूरा करने और निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने की प्रगति का मूल्यांकन करते हुए स हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि शिक्षा, पंजाब के भविष्य की नींव है और सरकार राज्य की शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने के लिए पूरी तरह से वचनबद्ध है।
शिक्षा मंत्री ने सभी डीईओज़ को निर्देश दिया कि वे बुनियादी ढांचे के निर्माण,दाखिलों में वृद्धि करने,स्टाफ की खाली रिक्तियों को भरने और जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विद्यार्थी कोचिंग कार्यक्रमों को मजबूत करने पर तत्काल ध्यान केंद्रित करें, ताकि स्कूल ऑफ एमिनेंस के विकास में तेज़ी लाई जा सके। साथ ही, उन्होंने कहा कि प्रदर्शन संबंधी परिणामों का नियमित मूल्यांकन किया जाए और इस संबंध में आवश्यक हस्तक्षेप किया जाए।
जिला स्तर पर विशेष रूप से तीसरी से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए मूलभूत साक्षरता और अंकों की समझ को बेहतर बनाने के लिए स्पष्ट लक्ष्यों के साथ मिशन समरथ को लागू करने में तेज़ी लाने पर बल देते हुए स हरजोत सिंह बैंस ने अधिकारियों को सभी स्कूलों में न्यूनतम बुनियादी ढांचे से संबंधित मानकों को व्यवस्थित करने के निर्देश दिए, जिनमें लड़कियों और लड़कों के लिए अलग शौचालय,सुरक्षित पेयजल की सुविधा,डबल डेस्क और चारदीवारी शामिल हैं।
शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे प्राइमरी, अपर प्राइमरी, सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी स्तर पर दाखिले बढ़ाने के लिए दाखिला अभियान शुरू करें, जिसमें शिक्षण संबंधी आउटरीच कार्यक्रम शामिल हों।
उन्होंने कहा कि नाबार्ड और समग्र शिक्षा के तहत सभी लंबित बुनियादी ढांचे के कार्यों को निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरा किया जाए और सभी समस्याओं का तुरंत समाधान किया जाए।
स हरजोत सिंह बैंस ने दोहराया कि सरकार द्वारा शिक्षा को प्रमुख प्राथमिकता दी जा रही है और इस क्षेत्र के निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सभी आवश्यक संसाधन जुटाए जाएंगे।
बैठक के दौरान स्कूल शिक्षा सचिव श्रीमती अनिंदिता मित्रा, निदेशक जनरल स्कूल शिक्षा श्री विनय बबलानी, विशेष सचिव श्री राजेश धीमान और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।